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Rare collection Sushrut Samhita

Ritucharya As Dincharya : Divisions of Day as per Ritu

क्या आपने भी कभी सोचा था कि हर दिन में 6 ऋतु हो सकती है और उस हिसाब से क्या करना चाहिए इसी बात का उत्तर आचार्य हारीत ने दिया है और प्रतिदिन में षड् ऋतु बताई है आज हम इसे के बारे बात करेंगे। प्राह्ने वर्षा ऋतुं वदन्ति निपुणास्तस्मिन्निशीथे शरत् प्रोक्तः शैशिरिकस्ततो हिमऋतुः सूर्योदयादग्रतः […]

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Plants

Rudraksha / रुद्राक्ष (Elencarpun vermis) : Benefits, Uses

Botanical name = Elencarpun vermis Family = Elaeocarpaceae Vernicular Names:- संस्कृत – रुद्राक्षम्, भूत नाशनम्, शिवाक्षम्, शर्वाक्षम, पावनम्, नीलकंठाक्षम, शिवप्रिया: हिन्दी – रुद्राक, रुद्राक्ष, रुद्राकी English name – Utrasum bead tree of India, India oil fruit उड़िया – रुद्राख्यां कन्नड – रुद्राक्ष गुजराती – रुद्राक्ष तमिल – रुद्राकाई तेलुगु – रुद्राक्ष बंगाली – रुद्राक्याा नेपाली […]

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Rare collection

Max. Time of disease according to Nakshtra ( नक्षत्र व रोग मर्यादा )

हारीत संहिता में नक्षत्र के अनुसार रोग की मर्यादा बताई है कि रोग अगर इस नक्षत्र में होता है तो वह कितने दिन तक चलेगा, यह ही आचार्य रत्न प्रभा ने अपनी चक्रदत्त की टीका में भी बताया है ( 1/292 ) व उसके साथ साथ अष्टांग संग्रह निदान (1/21-33 ) में भी यही वर्णन […]

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Rare collection

Nakshatra and Rog ( विभिन्न रोगों के नक्षत्र )

आयुर्वेद का ज्योतिष शास्त्र के साथ एक गहरा सम्बन्ध है, आचार्यों ने सर्व प्रथम रोगी की आयु जानने के लिए कहा है और विभिन्न आचार्यों ने आयुर्वेद के सामान ही ज्योतिष शास्त्र को फल प्रद कहा है। आज इसी के संभंद में हम आचार्य हारीत की हारीत संहिता में वर्णित रोग व विभिन्न नक्षत्र के […]

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Rare collection

Janpad Vibhakt from Bhel Samhita ( जनपद विभक्त )

जनपद विध्वंश के विषय पर आचार्य चरक ने विमान स्थान के दूसरे अध्याय में बहुत अच्छी प्रकार से व्याख्या की है परन्तु आचार्य भेल ने सूत्र सूत्र स्थान पर वर्णन किया है एक ओर चीज़ जो चरक से बिल्कुल अलग है यह है कि याहा पर भगवान पुनर्वसु ने पांचाल देश में होने वाली महामारी […]

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Agad Tantra

Vish Tantra ( विष तंत्र ) by Acharya Harit ( Harit Samhita )

हर आचार्य की संहिता की अपनी विशेषता होती है आचार्य चरक की चरक संहिता में विष की चिकित्सा के लिए 24 उपकर्मो का वर्णन है परन्तु वहां हमें कोई मंत्र प्राप्त नहीं होता वही जब हम इसके लिए हारीत संहिता का आंकलन करते है तब हमे यहां 4 मंत्र प्राप्त होते वो भी विभिन्न उपयोग […]

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Dravya Guna

Dravyaguna’s Plant Identification and Technology

In Dravaya gunn we learn to identify various plants and separate them from each other but it’s not possible for a student to learn them all at once and which requires remembering again and again, but how could you identify plant if you haven’t seen it? Or nor told by anyone! Because all the plants […]

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Swasthavrit Yoga

Svastikaasan and Sukhaasan ( स्वस्तिकासन व सुखासन )

Svastikaasan इस आसन में पैरों की आकृति स्वस्तिक जैसे बन जाने से इसे स्वास्तिकासन कहा गया है। * स्थिति-दण्डासन विधि- 1. दण्डासन स्थिति में दायें पैर की एडी को सीवनी नाड़ी से लगावें और पञ्जा जंघा से मिला हुआ रहना चाहिए। 3.बायें पैर को उठाकर दायें पैर के जांघ मूल में रखें। दोनों हाथों को […]

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Dravya Guna Tricks

Understanding Chemical Constituents, Dossage Detailed Plants

Chemical Constituents :- So ready to learn chemical Constituents? Before this visit botanical names and learn them becoz here we will make you understand naming of chemical Constituents on the basis of botanical name and sanskrit names and also about common chemical Constituents Specific :- Method for specific – Step 1 : select one from […]

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Kumar Bhritya

Shishu Paricharya / शिशु-परिचर्या, कुमारधारणीयानि

आयु परीक्षण आयुष्मान या दिघ्रायू के लक्षण (1) केश-जो एक-एक अलग-अलग निकले हो, मृदु हो, अल्प हों, सिनीग्ध हों, जिनके मूल मजबूत एवम् काले हो। (2) त्वचा-स्थिर एवं मोटी अच्छी होती है। (3) सिर-स्वाभाविक आकृति से युक्त, पर कुछ प्रमाण से बड़ा हो, किन्तु देह अनुसार ही बड़ा हो और छाता के सदृश उतार-चढ़ाव युक्त […]