प्रस्तुति : कालो हि नाम भगवान् स्वयम् भूरनादिमध्यनिधनोऽत्र।।। काल को भगवान कहा जाता है, जो किसी से उत्पन्न ना हो। काल आदि, मध्य और अंत रहित है। काल विभाजन काल विभाग इस प्रकार है- अक्षिनिमेष-1 मात्रा 15 मात्रा-1 काष्ठा 30 काष्ठा-1 कला 2 नाड़ीका-1 मुहूर्त 4 याम-1 दिन 4 याम-1 रात 15 दिन रात-1 पक्ष […]
Category: Astang Hridya
This section has post useful for B.A.M.S 1st year or related for Astang Hridya. Astang Hridya is the second book or treatise by Acharya Vaghbhatt after Asthang Sanghra, Acharya praised his treatise by after reading this can start treatment and doesn’t need to wait and study other books.
जो सम्पूर्ण शरीर तथा मन को पीड़ित करता है, उसे शल्य (Shalay) हैं। आशुगमनार्थक ‘शल् धातु’ से यत् प्रत्यय जोड़कर शल्य शब्द निष्पन्न होता है। इस अध्याय में लोह आदि शल्य के लक्षणों तथा उनको निकालने के उपायों का वर्णन किया जायेगा। वक्रर्जुतिर्यगूध्ध्वाधः शल्यानां पञ्चधा गतिः। शल्य (Shalay) की गतियां = शरीरावयवों में प्रविष्ट होते […]
WAKE UP IN BRHAM MUHURAT ( 3-4 am) :- Ayurveda describes benefits of early wakeup it’s said that Brham muhurat is the time we recieve most of the dreams (good or bad) if we wake up early in the morning we won’t receive dreams and can start a day with good thoughts. We get enough […]