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Ritucharya / ऋतुचर्या : Science of Seasonal Habits for Well Being

प्रस्तुति : कालो हि नाम भगवान् स्वयम् भूरनादिमध्यनिधनोऽत्र।।। काल को भगवान कहा जाता है, जो किसी से उत्पन्न ना हो। काल आदि, मध्य और अंत रहित है।  काल विभाजन  काल विभाग इस प्रकार है- अक्षिनिमेष-1 मात्रा 15 मात्रा-1 काष्ठा 30 काष्ठा-1 कला 2 नाड़ीका-1 मुहूर्त 4 याम-1 दिन 4 याम-1 रात 15 दिन रात-1 पक्ष […]

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Astang Hridya

Shalay ( शल्य ) Astang Hridya Sutra chapter -28

जो सम्पूर्ण शरीर तथा मन को पीड़ित करता है, उसे शल्य (Shalay) हैं। आशुगमनार्थक ‘शल् धातु’ से यत् प्रत्यय जोड़कर शल्य शब्द निष्पन्न होता है। इस अध्याय में लोह आदि शल्य के लक्षणों तथा उनको निकालने के उपायों का वर्णन किया जायेगा। वक्रर्जुतिर्यगूध्ध्वाधः शल्यानां पञ्चधा गतिः। शल्य (Shalay) की गतियां = शरीरावयवों में प्रविष्ट होते […]

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Dinchariya – The Science of Morning Habits

WAKE UP IN BRHAM MUHURAT ( 3-4 am) :- Ayurveda describes benefits of early wakeup it’s said that Brham muhurat is the time we recieve most of the dreams (good or bad) if we wake up early in the morning we won’t receive dreams and can start a day with good thoughts. We get enough […]