Gomukhasan *स्थिति= दण्डासन विधि :- दण्डासन की स्थिति में बैठे। बाएँ पैर को घुटने से मोड़कर दाहिने पैर के नीचे लाकर दाहिने नितम्ब के पास स्थिर रखें। इसी प्रकार दाहिने पैर को मोड़कर बाएँ पैर के ऊपर रखें। बाएँ घुटने के ऊपर दाहिना घुटना और दाहिने पैर की एड़ी दाहिने नितम्ब की अस्थि सन्धि के […]
Category: Yoga
Vajraasan: *स्थिति-दण्डासन विधि-1. दण्डासन स्थिति में पैरों को लम्बा फैलाए। 3.बायें हाथ से बायें पैर को मोड़कर बायें नितम्ब के पास रखें। एडी बाहर की ओर निकली हुई तथा पन्जा नितम्ब से लगा रहना चाहिए। पैर का तलवा ऊपर की ओर रहना चाहिए। इसी प्रकार दाहिने पैर को मोड़े। घुटने को मिलाकर, उन पर हाथ […]
Svastikaasan इस आसन में पैरों की आकृति स्वस्तिक जैसे बन जाने से इसे स्वास्तिकासन कहा गया है। * स्थिति-दण्डासन विधि- 1. दण्डासन स्थिति में दायें पैर की एडी को सीवनी नाड़ी से लगावें और पञ्जा जंघा से मिला हुआ रहना चाहिए। 3.बायें पैर को उठाकर दायें पैर के जांघ मूल में रखें। दोनों हाथों को […]
Padmaasan: उत्तानों चरों कृत्वा ऊरुसंस्थौ प्रयत्नतः। ऊरुमध्ये तथोत्तानो पाणी कृत्वा ततो दृशौ।। नासाग्रे विन्यसेद् राजदन्तमूले तु जिह्वया। उत्तम्भ्य चिबुकं वक्षस्युत्याप्य पवनं शनैः।। इदं पद्मासनं प्रोक्तं…I (ह. यो. प्र. 1/45-46) पद्म (पद्म) शब्द कमल का पर्यायवाची है। पैरों तथा हाथों की आकृति कमल की पंखुड़ियों जैसी बनने से इसे पद्मासन कहते हैं । *स्थिति-दण्डासन विधि 1. […]
“तं विद्यात् दुःख संयोगो वियोगं योग संजितम्। ” (भगवद्गीता) 6/23।। सभी प्रकार के (शारीरिक एवं मानसिक) वेदना के सम्बन्ध से विमुक्त होना ही योग कहलाता है। ◆ जब पुरुष अपने मन, बुद्धि , इन्द्रियों की चंचलता को स्थिर कर लेता है, तब वह व्यक्ति इस संसार के व्यामोह से उत्पन्न होने वाले सभी प्रकार के […]
फन उठाये हुए कृष्णसर्प के समान आकृति बनने से इसे भुजङ्गासन या सर्पासन कहा गया है। स्थिति- अधोमुख तानासन। विधि :– 1.पेट के बल लेट कर, हाथ और पैर लम्बे करके जमीन पर टिका हुये रहे। 2. पश्चात् दोनों हाथों की कुहनियाँ को मोड़कर अंगुलियों को कन्धे के पास रखें। 3 .धीरे-धीरे ठुड्डी को ऊपर उठाते […]
इस आसन में आसनाभ्यासी का शरीर गाय मुख सदृश लगने लगता है अत: इसको गोमुखासन (Cow’s face posture) कहते हैं। विधि :- ★दोनों पैरों को सामने की तरफ फैला कर बैठ जाते हैं फिर बायें पैर को मोड़कर इस प्रकार रखते हैं कि बायें पैर की ऐडी दायीं नितम्ब के नीचे आ जाय। ★ पुनः […]
◆शरीर मछली की भाँति जल में तैरने से ही इसे मत्स्यासन कहा गया है। स्थिति – उत्तान तानासन। विधि ;– 1, उतान ताड़ासन की स्थिति से। 2. दाहिने पैर को बायीं जाँघ पर और बाएँ पैर को दाहिनी जाँघ पर रखें इस प्रकार यहाँ पद्मासन जैसी स्थिति बन जाती है। 3 .दोनों हाथों से सहारा […]