As an Ayurvedic Student/ practitioner or Ayurveda lover, you might have heared a lot about च्यावन मंत्र (Chyavan Mantra) but you might haven’t found what exactly it is or how and when to use it. But after reading this post you will come to know all the details about च्यावन मंत्र (Chyavan Mantra). Hope you like it.
Ayurvedic Mentions:-
- भैषज्य रत्नावली : गर्भिणी रोग अधिकार
- सुश्रुत संहिता शारीर 10/11
- अष्टांग संग्रह शारीर 3/3
- अष्टांग हृदय शारीर 1/84-85
- योग रत्नाकर स्त्री रोग चिकित्सा
च्यावन मंत्र / Chyavan Mantra:-
ॐ क्षिप निझप उन्मथ प्रमय मुञ्च मुञ्च स्वाहा ।
How to use :-
इस मंत्र से जल को 7 बार अभिमंत्रित करके गर्भिणी को पिलाने से सुखपूर्वक प्रसव (Delivery) होता है।
Does Ayurveda have other Mantras also for the same ?
The answer is Yes! and here are some of them that we have found but there may be more hidden in Samhitas.
- सुख प्रसव मंत्र :- इहामृतञ्च सोमश्च चित्रभानुश्च भामिनी । उच्चैःश्रवाश्च तुरगो मन्दिरे निवसन्तु ते ॥५९॥ इहममृतपां समुद्धृतं वै भव लघु गर्भमिमं विमुञ्चतु स्त्री । तदनलपवनार्कवासवास्ते सह लवणम्बुधरैर्दिशंतु शान्तिम् ॥६० ॥ मुक्ताः पाशा विपाशाश्च मुक्ताः सूर्येन्दुरश्मयः । मुक्तः सर्वभयाद् गर्भ एह्येहि मा चिरं स्वाहा ।
- उपर्युक्त मंत्र को गर्भिणी स्त्री के पास उच्चारण करने से सुख पूर्वक प्रसव हो जाता है।
- गंगा के उत्तरी तट पर जंभला नामक राक्षसी रहती है, उसके स्मरण मात्र से स्त्री शीघ्र ही प्रसव कर देती है।
- उभयत्रिंशक यंत्र या उभयपंचदश यंत्र को चौक से नए शराब पर लिखकर गर्भिणी को दिखाने से सुख पूर्वक प्रसव होता है।
- हिमालय के दक्षिण भाग में रहने वाली सुरसा नामक यक्षिणी के नुपुर शब्द सुनकर हे गर्भवती! तू शल्य से विरहित हो जा।
- इस मंत्र को पढ़कर गर्भिणी के ऊपर पांच अक्षत फेक देने से तुरंत प्रसव हो जाता है।
- पृथ्वी, जल, आकाश, तेज, वायु, विष्णु, प्रजापति परमात्मा तुझ सगर्भा स्त्री की सदा रक्षा करे, तुझे विशाल्य बनाए। हे सुमुखी! तु बिना कष्ट के कार्तिकेय के समान कांति वाला, क्लेश रहित व कार्तिकेय से रक्षित पुत्र को उत्पन्न करे। इसी तरह अमृत, सोम, चित्रभानु, भामिनी और उच्चे: श्रवा नामी अश्व तेरे मंदिर में सदा रहे। यह लाया हुआ जल तेरे लिए अमृत हो और छोटे गर्भ को बाहर निकाल दे। अग्नि वायु, सूर्य और चंद्र तुझे शांति दे।