आचार्य चरक ने केवल वात के भेदों का वर्णन किया था परंतु आचार्य भेल ने वात के साथ साथ पित्त के भी भेदों का वर्णन किया है परंतु वह वर्णन आजकल के पित्त के वर्णन से बिल्कुल अलग है।
आचार्य सुश्रुत ने वात व पित्त दोनों के भेदों का वर्णन किया है व आचार्य वागभट्ट ने तीनों दोषों के भेदों का वर्णन किया है।
Trick for Learning Vaat Bhed :-
प्राणी के दान करने से उसका मान बढ़ता हैं व अपमान घटता है।
प्राणी – प्राण
दान – उदान
मान – समान
व – व्यान
अपमान – अपान
PUSVA
P – प्राण
U – उदान
S – समान
V – व्यान
A – अपान
वात के भेद | कर्म | स्थान |
प्राण | आहार को आमशय तक पहुंचना, थूकना, छिकना, उद्गार,स्वशन क्रिया | मुख,कंठ,जिह्वा,नासिका,फुसफुस |
उदान | बोलना, गाना,प्रेरणा,उत्साह,बल,वर्ण | नाभि,फुसफुस,कंठ |
व्यान | पाचक अग्नि को बल देना,खाने को पचाना | आमाशय,पकवशय |
समान | रक्त को सम्पूर्ण शरीर में पहुंचना | सर्व शरीर |
अपान | गर्भ धारण करना,मल,मूत्र,शुक्र,आर्ताव का निष्कासन | Intestine,colon |
Trick for Learning Pitt Bhed :-
रंगीली भावना ने साधु से अलोचना प्राप्त ही पाई।
रंगीली – रंजक
भावना – भ्रजाक
साधु – साधक
अलोचना – आलोचक
पाई – पाचक
SAB PaR
S – साधक
A – अलोचाक
B – भ्राजक
Pa – पाचक
R – रंजक
पित्त के भेद | कर्म | स्थान | According to modern |
पाचक | अन्न का पाचन | अग्नाशय,11 अग्निया | Pancreatic juice |
रंजक | रक्तकर्म करना (रक्त कण बनाना) | यकृत व प्लीहा | Liver |
साधक | कफ व तम को दूर करता है,बुद्धि,मेधा,अभिमान करवाता है | हृदय | Adernaline |
अलोचक | दर्शन करवाना | नेत्र | Vitamin -A & retinol |
भ्राजक | कांति कारक | स्वेद व स्नेह ग्रंथियां | Sweat and sweat glands |
Trick for Learning Kaf Bhed :-
क्लेद से तृप्त स्लेशमा अब कफ का बोध करता है।
क्लेद – कलेदक
तृप्त – तर्पक
स्लेशमा – श्लेष्मक
अब – अवलंबक
कफ – कफ
बोध – बोधक
BASkIt
B – बोधक
A – अवलंबक
S – श्लेष्मक
Ki – कलेदक
T – तर्पक
कफ के भेद | कर्म | स्थान | According to modern |
कलेदक | आंत्र कलेदन | आमाशय | Mucus |
अवलंबक | हृदय व फुसफुस को अपने अपने कार्य में प्रवृत्त करता है | उर प्रदेश | Pleura & Pericardium |
बोधक | रस के बोध में मदद करता है | जिह्वा | Saliva |
तर्पक | मस्तिष्क संटरपन्न | शिर | CSF ( Ceribospinal fluid) |
श्लेष्मक | संघीय को कार्य करने में मदद | संधिया व अस्थियां | Synovial fluid |
One reply on “Vaatadi Dosho ke Bhed ( वातादि दोषो के भेद ) With Trick To Learn”
[…] kriya :- one should first study panch panchak, then go for learning dosh sthan, bhed and karm ( trick provided on site), after learning this one should learn function and harmones of […]