Gomukhasan
*स्थिति= दण्डासन
विधि :-
- दण्डासन की स्थिति में बैठे।
- बाएँ पैर को घुटने से मोड़कर दाहिने पैर के नीचे लाकर दाहिने नितम्ब के पास स्थिर रखें।
- इसी प्रकार दाहिने पैर को मोड़कर बाएँ पैर के ऊपर रखें।
- बाएँ घुटने के ऊपर दाहिना घुटना और दाहिने पैर की एड़ी दाहिने नितम्ब की अस्थि सन्धि के पास लगी रहै।
- दाहिने हाथ की कुहनी मोड़कर उसे ऊपर करें
- कुहनी दाहिने कान से लगी रहे।
- बाएँ हाथ को नीचे से मोड़कर पृष्ठ प्रदेश के पीछे से ऊपर की ओर लाकर दोनों हाथों की तर्जनी अंगुली आपस में पकड़े।
- नासाग्र या भ्रू मध्य पर दृष्टि रखनी चाहिए।
- इसी तरह दूसरी ओर से भी करें।
लाभ :-
- शरीर संवर्धनात्मक लाभ देता है।
- पृष्ठ एवं ग्रीवा शूल नाशक
- हाथ-पैर और कूल्हे की संधियों में दहता आता है।
- मधुमेह, धातु दौर्बल्य और योनिरोगहर।
Benefits :-
- Gomukhasan stretches your hips.
- It provides power to your ankles, thighs, shoulders, armpit, chest, deltoid and triceps.
- Relieves chronic knee pain.
- Strengthens your spine and abdominal muscles.
- Helps decompress low spine (during folded variation)
Contraindications :-
- If you have sciatica, the use of a prop under the hips or folding forward could aggravate the condition.
- Avoid the Gomukhasan pose if you have serious neck or shoulder problems.
- If pregnant, do not fold forward during first trimester.
- Do not practice if you have serious knee problems.
Vakrasan
जिन्हें अर्ध-मत्स्येन्द्रासन करने में कठिनाई हो वे इसका अभ्यास कर सकते हैं। स्थिति : दण्डासन
विधि :-
- दण्डासन स्थिति से
- बांया पैर सीधा रखते हुए. दाहिना पैर मोड़कर बाँए पैर के घुटने के पास रखें।
- बायां हाथ दाहिने घुटने के बाहर से लाकर हथेली जमीन पर टिकाएं।
- दाहिना हाथ कमर के पीछे, भूमि पर टिकाएं तथा गर्दन को दाहिनी ओर मोंडे।
- अन्तिम स्थिति में बायां पैर, दोनों कंधे, ग्रीवा, दाहिना हाथ, एक सीध में हों। इसी प्रकार दूसरी ओर से भी करना चाहिए।
श्वास प्रश्वास विधि :- दण्डासन में – सामान्य
लाभ :-
अर्ध-मत्स्येन्द्रासन के समान परन्तु अल्प मात्रा में।
- मेरुदण्ड के टेडेपन में
- यकृत, प्लीहा उदर रोग में
- वायुविकार में
- कृमि, वृक्क व मूत्राशय रोग में
- अग्नि दीपक।
यह आसन हलासन, भुजंगासन, शलभासन पश्चिमोत्तानासन तथा धनुरासन का पूरक है। (Complimentry Pose)
Benefits :-
- Vakrasan tones the muscles of the back
- It straightens the upper back
- Strengthens the neck muscles
- Tones the internal organs
- Activates thyroid glands
Contraindications :-
- Spondylitis
- Menstruation
- Pregnancy
- Sciatica