परिभाषा—
पारद में गालन, पातन आदि प्रक्रियाओं के बिना ही बालुका यन्त्र, जारणा यन्त्र आदि यंत्रों के द्वारा गन्धक, अभ्रक, माक्षिक, स्वर्ण, रत्न, आदि द्रव्यों का जारण करने के पश्चात भी पारद के भार या स्वरूप में कोई परिवर्तन नहीं हो, उसे जारणा (Jarana) कहते हैं।
Types:-
जारणा
⬇
1)भूचरी
2) खेचरी (रत्नों का जारण)
भूचरी ज़ारणा के भेद–
बाल जारणा
⬇
●अभ्रक ज़ारणा ↪
【१.अभरकपत्र जारणा २. अभ्र्क्सत्व जारणा】↪1.सुमुख जारणा 2. निर्मूख जारणा 3. वासनामुख जारणा।
●सर्वसत्व जारणा ●माक्षिक सत्त्व जारणा● स्वर्ण जारणा ●दिव्यौषधि जारणा
वृद्ध जारणा:-
⬇
●गंधक जारणा ,●स्वर्ण माक्षिक जारणा, ●स्वर्ण जारणा, ●रत्न जारणा
★गन्धक का जारण प्रक्रिया भेद से बहिर्धूम एवं अन्तर्धूम दो प्रकार से किया जाता है।
(1 – बहिर्धूम
बालुका यन्त्र विधि से खुले मुख वाले पात्र में जो गन्धक जारण किया जाता है, उसे बहिर्धूम गंधक जारण कहते है। इस विधि से गन्धक जारण (Jarana) की क्रिया शीघ्र सम्पन्न हो जाती है।
विधि:-
बालुका यन्त्र के ऊपर एक मिट्टी या लोहे का पात्र रखकर उसमें शुद्ध पारद एवं शुद्ध गंधक समानभाग में डाल दें।
◆गन्धक पिघलाकर बाद में शुद्ध पारद डालकर अग्नि देते जावें। जब आधा गन्धक जल जावे तब पुनः उसमें पारद के समान भाग में गन्धक डाल दें। इस प्रकार क्रमश: छ: गुना गन्धक का जारण (Jarana) कर लें।
(2) अन्तर्धूमः- कच्छप यन्त्र या भूधर यन्त्र द्वारा बन्द कूपी या यन्त्र द्वारा गन्धक का जारण किया जाता है। इस विधि से गंधक जारण की क्रिया मन्द सम्पन्न होती है। गति से
विधि :-
कच्छप यन्त्र के पात्र में सर्वप्रथम पारद का आधा भाग गंधक डालकर उसमें गड्ढा कर पारद डाल दें।
◆ऊपर से शेष आधा भाग गन्धक डालकर पात्र के मुख को भली प्रकार अवरुद्ध कर अग्नि देवें। इसी क्रम से षड्गुण गंधक का जारण कर लें।
जारणाक्रम:
जारित गंधक प्रमाण | आयुर्वेद प्रकाश | रसतरंगिणी |
सम्मगुण गंधक जीर्ण | शुद्ध की अपेक्षा सौगुना फलप्रद | सामान्य रोगनाशक |
दिगुण गंधक जीर्ण | सर्व कुष्ठ नाशक | महारोगों का नाशक |
त्रिगुण गंधक जीर्ण | सर्व जड़तानाशक | पुंस्त्ववृद्धि दायक |
चतुर्गुणगन्धकजीर्ण | बलिपलितनाशक | उत्साह, मेधा, स्मृति दायक |
पञ्षगुण गंधक जीर्ण | क्षय नाशक | गडीसन्तापनाशं |
षड्गगुण गन्धकजीर्ण | सर्वरोगहर | अद्भुत कार्य करने वाला |
One reply on “Jarana Sanskar ( जारणा संस्कार ) – Ras Shastra”
[…] से रगडते हुए जारण […]