नाम:-
संस्कृत | कासीसम् |
हिन्दी | कासीस |
English | Ferrous sulphate |
chemical formula:- FeSO4 5H2O
काठिन्य :- 2
Shape:- crystalline
colour :वर्ण- हरितवर्ण
पर्याय:- कासीस, पुष्पकासीस, काशीशक, पांशुक।
इतिहास: (history-)
in ancient times used as an ink .
Habitat:– पंजाब, जर्मनी, स्पेन, झारखण्ड ।
भेद (types) :-
रसतरंगिणीकार | रसार्णवकार | आनन्दकन्दकार | रसरत्नसमुच्चय | आयुर्वेदप्रकाशकार |
१.)चूर्णकासीस:शवेत ईषत्पीतवर्ण | १)शुक्ल | १)पीत | १) बालुकासीस | १)कासीस |
२)पुष्पकासीस: स्वच्छ हरित वर्ण | २)कृष्ण | २)कृष्ण | २)पुष्पकासीस | २)धातुकासीस |
३)पीत | ३)शवेत | ३)पुष्पकासीस | ||
४)रक्त |
कासीस शोधन::-
(1) कासीस को भृंगराज स्वरस में एक बार भिगोने पर शुद्ध हो जाता है।
(2) कासीस को प्राणिज पित्तों या स्त्री के आर्तव में एक बार भिगोने पर शुद्ध हो जाता है।
कासीस मारण:–
सर्वप्रथम शुद्ध कासीस में काञ्जी की सात भावना देकर सुखायें।
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फिर लघुपुट में रखकर अग्नि में फूंक देने पर कासीस की रक्तवर्ण की भस्म बन जाती है
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पुनः इसी भस्म को नींबू स्वरस की भावना देकर सुखाकर अम्लता नष्ट होने तक पुट देते रहने पर सर्व दोष रहित कासीस की भस्म बन जाती है।
कासीस भस्म गुण:-
आयुर्वेदप्रकाशकार ने कासीस भस्म ●रस में अम्ल,तिक्त, कषाय ,● वीर्य में उष्ण माना है।
रसरत्नसमुच्चय ने बालुका कासीस को ●क्षार,●अम्ल, ●गुरु, विष,● श्वित्रनाशक ।
पुष्प कासीस:- अतिश्रेष्ठ कषाय, अति अम्ल, उष्ण, वात कफहर ,व्रण हर , विष हर।
भस्म मात्रा:- 1/2- 2 रत्ती।
कासीस द्रव निर्माणः-
5 रत्ती शुद्ध कासीस को 2 &1/2 तोले परिस्रत जल में डालने पर आसानी से शीघ्र घुल जाता है।
इसे कासीस द्रव कहते है।
द्रव गुण:-
कासीस द्रव गुदभ्रंश, विसर्प आदि अनेक रोगों को बाह्य प्रयोग से दूर करता है।
सत्वपातन–
शुद्ध कासीस में यवक्षार, शुद्ध टंकण तथा सज्जीक्षार तीनों का सम्मिलित चतुर्थांश मिश्रण मिलाकर नींबू स्वरस में घोटकर चक्रिका बनायें
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फिर इनको सुखाकर मूषा में रखकर धमन करने पर कासीस का सत्त्व लौह प्राप्त हो जाता है।
कासीस के प्रमुख योग:
(1) कासीसादि गुटिका
(2) रज:प्रवर्तनी वटी
(3) कासीसाद्य तैल
(4) रसपुष्प
(5) श्वित्रारि रस
2 replies on “Kasis (कासीस)- Ferrous Sulphate : UpRas Vargha”
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