मौलिक कलपना / पञ्चविध कषाय कलपना:-
कल्पना | Water to be added | मात्रा | उपयोग |
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स्वरस कल्पना | No water is added in आर्द्र द्रव्य शुष्क द्रव्य – 2× water added & soaked overnight If स्वरस immediately needed – add 8× water to powder & boil till 1/4th left |
½ पल ( 24 gms) | बलवान रोग एवं रोगी औषध के दोष निवारण एवं गुण वृद्धि धातुओं का शोधन एवं मारण के लिए भावना अनुपान |
कल्क कल्पना | As required | 1 कर्ष (12 gms) | औषध के रूप में प्रलेप एवं प्रदेह के रूप में व्रणों को शुद्ध करने एवं शोथ दूर करने के लिए प्रमथ्या निर्माण में |
क्वाथ कल्पना | Powder + 16× water boil till ⅛ left | 2 पल (96 ml) | अनुपान के रूप में भावना हेतु घन निर्माण के लिए |
हिमकल्पना | Powder + 6× water soak overnight then run with hands & strain the water | 2 पल | औषध के रूप में अनुपान के रूप में |
फाण्ट कल्पना | Powder + 4× boiled water the strain the water | 2 पल | औषध एवं अनुपान हेतु |
अन्य कलपना:-
कल्पना | Water to be added | मात्रा | उपयोग |
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प्रमथ्या | कल्क + 8× water boil till ¼th left | 2 पल या 8 तोले | दोषों की मध्यमावस्था में दीपन , पाचन हेतु |
लाक्षारस लाख | पीपल की लाख को साफ़ कर 6× जल में दोलयंत्र विधि से ¼ रहने तक स्वेदन। स्वांगशीत होने पर 21 बार छानलें। | 25-50 ml | हिक्का , कास, रक्तपित्त, धातुगतज्वर , दंतगत रोग |
मांस रस | •गाढ़ा – 8 पल मांस + 1 प्रस्थ जल में सिद्ध करें •मध्यम- 6 पल मांस + 1 प्रस्थ जल में सिद्ध •पतला – 4 पल मांस + 1 प्रस्थ जल में सिद्ध |
तृप्तिकारक , प्राणजनक, श्वास, कास , क्षय, हृद्य, अस्थिभगन, अस्थिच्युत, उरःक्षत, शुक्र अल्पता वाले पुरुषों के लिए। | |
वेशवार | अस्थि रहित अजा मांस + 4× जल में मध्यम अग्नि पर पाक ……. मांस रस पीसकर + त्रिकटु+ गुड़+ घी+लवण | गुरु, स्निग्ध, ब , वातरोग नाशक | |
शर्करा ( शर्बत) | सुगंधित द्रव्यों के अर्क या फलों के रस या हिम फांट या क्वाथ + 2× चीनी | 25 ml जल मिलाकर | तृष्णा , दाह, पित्त विकार |
अवलेह ( फाणित, रस क्रिया , घन) | स्वरस,क्वाथ, हिम,फाण्ट को अग्नि पर गाढ़ा करने से अव्लेह बनजाता है • चीनी – 4× चूर्ण •गुड़ – 2× चूर्ण •स्वरस क्वाथ आदि – 4× चूर्ण प्रक्षेप द्रव्य हलके गर्म होने पर डाले अन्यथा जल जाएंगे । |
1पल 4 तोला से 1 कर्ष 1 तोला |
ऊर्धवजत्रुगत रोगों में, अधो जत्रुगत रोगों में – सांयकाल भोजन के पूर्व सवीर्यता- 1 वर्ष |
घन , सत्व | जिसमें स्टार्च की मात्रा अत्याधिक हो कूटकर धोकर सुखाकर… सत्व | प्रायः स्वेत श्लक्ष्ण मृदु सवीर्यता- अनिश्चितकालीन |
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अर्क | उड़नशील तेल वाले द्रव्यों के वीर्य को सुरक्षित रखने हेतु Distillation या भभकायंत्र |
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लवण कल्पना | सेंधव लवण + अर्कपत्र/नारिकेल मंदाग्नि पाक करने पर कृष्ण वर्ण लवण | 2-4 रत्ती अनुपान – उष्णोदक |
शूल गुल्म यकृत प्लीहा उदर विकार जैसे – अर्क लवण , नारिकेल लवण |
मसी कल्पना | जांगम व औद्भिद् द्रव्य को सराव सम्पुट कर जलाकर…काला…पुट लघु व बृहत… स्वंगशीत होने पर चूर्ण कर कांच पात्र में रखें। | आभ्यंतर व बाह्य प्रयोगार्थ जैसे – हस्तिदंत, त्रिफला मसी |