Padmaasan:
उत्तानों चरों कृत्वा ऊरुसंस्थौ प्रयत्नतः। ऊरुमध्ये तथोत्तानो पाणी कृत्वा ततो दृशौ।। नासाग्रे विन्यसेद् राजदन्तमूले तु जिह्वया। उत्तम्भ्य चिबुकं वक्षस्युत्याप्य पवनं शनैः।। इदं पद्मासनं प्रोक्तं…I (ह. यो. प्र. 1/45-46)
पद्म (पद्म) शब्द कमल का पर्यायवाची है। पैरों तथा हाथों की आकृति कमल की पंखुड़ियों जैसी बनने से इसे पद्मासन कहते हैं ।
*स्थिति-दण्डासन
विधि
1. दण्डासन की स्थिति में।
- दाहिने हाथ से दाहिना पैर बायीं जांघ पर रखिए।
- इस प्रकार बाएं पैर को दाहिनी जांघ पर स्थिर करना चाहिए।
- इस विधि से रखें कि दोनों एड़िया नाभि के अध: प्रदेश में रहे।
- दोनों हाथों को मुद्रा बनाकर रखे, (ज्ञान मुद्रा, अञ्जालि मुद्रा आदि) मुद्रा बनाकर दोनों घुटनों पर, ठोड़ी को छाती पर लगाकर जालन्धर बन्ध तथा नासिका के अग्रभाग पर दृष्टि को स्थिर कीजिए।
- यह पद्मासन कहलाता हैं।
लाभ
- ध्यानात्मक आसन है.
- पौरुष ग्रंथि रोग नाशक
- स्त्री रोग नाशक
- कटिप्रदेश, जंघा एवं पिण्डलियों के लिए बलकारक।
Modern–
- Eases menstrual discomfort and sciatica
- Helps keeps joints and ligaments flexible
- Stimulates the spine, pelvis, abdomen, and bladder
- Restores energy levels
- Fight insomnia
- Calms the brain.
Siddhaasan:
*स्थिति-दण्डासन
विधि-
1. दण्डासन स्थिति से
- बायाँ पैर मौड़कर उसकी एड़ी सीवनी (गुदा एवं मूत्रेद्रिरय) के मध्य, कोमल स्थान (Perineum) में लगे।
- दाहिने पैर की एड़ी जननेन्द्रिय के ऊपरवाले भाग में स्थित करना चाहिए।
- इस स्थिति में बएँ पैर के टखने पर दाहिने पैर का टखना रखें।
- ऐसे ही दाहिने पैर का पञ्जा बाएं पैर की जंघा और पिंडली के मध्य में, बाएँ पैर को दाहने पैर की जंचा और पिंडली के मध्य में रखें।
- दोनों पैरों के घुटने भूमि पर टिके हुए रहने चाहिए।
- गुप्तांग पर अनावश्यक दबाव नहीं डालना चाहिए।
- दोनों हाथों को जानमुद्रा बनाकर घुटनों पर रखना चाहिए।
- आँखें बन्ध करके या खुली रखकर दृष्टि को दोनों भु(eyebrows) के मध्य में रखें।
श्वास प्रश्वास विधि : सामान्य
लाभ:
- नाड़ियों का मल शोधक,
- अजीर्ण, शुक्रटोप निथारक है, बहुमूत्रता निवारण।
- कुण्डलिनी शक्ति जागृत करता है।
- जांघों में, पेट में और कटि प्रदेश में जमा हुये मेद नाश होता है।
Modern:
- This asana stretches the hips, knees and ankles.
- helps to balance the activities of the reproductive organs.
- helps to stabilize the sexual energy which is beneficial for deep meditation.
- This asana holds the spinal column straight and steady.
- Siddhasana stabilizes the nervous system by calming down the panic energy.
- This asana gives the yoga beginners control over his sex urge and the sexual functions.