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Rare collection Sushrut Samhita

Ritucharya As Dincharya : Divisions of Day as per Ritu

क्या आपने भी कभी सोचा था कि हर दिन में 6 ऋतु हो सकती है और उस हिसाब से क्या करना चाहिए इसी बात का उत्तर आचार्य हारीत ने दिया है और प्रतिदिन में षड् ऋतु बताई है आज हम इसे के बारे बात करेंगे।

प्राह्ने वर्षा ऋतुं वदन्ति निपुणास्तस्मिन्निशीथे शरत् प्रोक्तः शैशिरिकस्ततो हिमऋतुः सूर्योदयादग्रतः । मध्याह्न च तथा वदन्ति निपुणा ग्रीष्मेति नामा ततः वसन्तः कथिता ऋतुस्तु मुनिभिः पूर्वापराह्ने सदा ॥४५॥ ( Ha. Sa. Pa. 1/45)

तत्र पूवाहे वसन्तस्य लिङ्गं, मध्याह्ने ग्रीष्मस्य, अपराहे प्रावृषः, प्रदोषे वार्षिकं, शारदमर्धरात्रे, प्रत्युषसि हैमन्तमुपलक्षयेत् । एवमहोरात्रमपि वर्षमिव शीतोष्णवर्षलक्षणनं दोषोपचयप्रकोपोपशमैर्जानीयात् ।।१६।। ( Su. Sa. Sutra 6/16 )

ऋतुसमय
वर्षादिन के तीसरे प्रहर में
शरदअर्ध रात्रि में
शिशिरअर्ध रात्रि के बाद में
हेमंतसूर्योदय से पहले
ग्रीष्मदोपहर के समय
वसंतदीन के पूर्व व अप्रह्व भाग में

दिन के प्रथम भाग में कफ दोष प्रबल होता है, मध्य में पित्त दोष व रात्रि में वात दोष, उसी प्रकार रात्रि में यह कर्म इसके विपरीत वात, पित्त, कफ होता है। आचार्य ने यह भी कहा है दिन में भी उसी प्रकार दोष का संचय प्रकोप प्रसार होता है जिस प्रकार से ऋतु में होता है।

काल दिन का काल में दोषषड् ऋतु ऋतु के अनुसार दोष
सुबह कफहेमंतकफ संचय
दोपहरपित्तग्रीष्मवात संचय
श्यामवातवर्षापित्त संचय
रात्रिवातवसंतपित्त प्रशम, कफ प्रकोप
अर्ध रात्रिपित्तशरदवात प्रशम, पित्त प्रकोप
सुबहसुबहशिशिर

हेमंत ऋतु में अधिक शीत होती है वह इसको दिन में समझने के लिए इस बात पर ध्यान दे की रात में जब सोते है बहुत बार सुबह कें समय थोड़ी बहुत सर्दी पतीत होती है वह दिन का सबसे अधिक शीत का समय होता है ( इस समय तापमान सबसे कम होता है ) वहीं दोपहर के समय सूर्य की गर्मी सबसे अधिक होती है और सर्दी के मौसम में भी गर्मी मिलती है इसी प्रकार समझ सकते है ऋतुचर्या को दिनचर्या के अंतर्गत।

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