◾बालक (अकारान्त पुल्लिंग)– सभी पुल्लिंग संंज्ञाओं के शब्दरूप (Shabdroop) इसी तरह बनेंगे। उदाहरण- राम, सुर, असुर, मानव, गज, क्षत्रिय, छात्र, शिष्य, विद्यालय, वृृक्ष, सूर्य, अश्व, आदि।
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | बालकः | बालकौ | बालकाः |
द्वितीया | बालकम् | बालकौ | बालकान् |
तृतीया | बालकेन | बालकाभ्याम् | बालकैः |
चतुर्थी | बालकाय | बालकाभ्याम् | बालकेभ्यः |
पञ्चमी | बालकात् | बालकाभ्याम् | बालकेभ्यः |
षष्ठी | बालकस्य | बालकयोः | बालकानाम् |
सप्तमी | बालके | बालकयोः | बालकेषु |
संबोधन | हे बालक ! | हे बालकौ ! | हे बालकाः ! |
आकारान्त स्त्रीलिंग (लता)
◾लता शब्दरूप की भांति ही रमा, बाला, सुता, कन्या, महिला, वामा, अजा, धरा, सेना, सीता, गीता, माया, गंगा, यमुना, तारा, निशा, आशा, कृपा, छाया, आदि के शब्दरूप (Shabdroop) चलते हैं।
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | लता | लते | लताः |
द्वितीया | लताम् | लते | लताः |
तृतीया | लतया | लताभ्याम् | लताभिः |
चतुर्थी | लतायै | लताभ्याम् | लताभ्यः |
पञ्चमी | लतायाः | लताभ्याम् | लताभ्यः |
षष्ठी | लतायाः | लतयोः | लतानाम् |
सप्तमी | लतायाम् | लतयोः | लतासु |
संबोधन | हे लते ! | हे लते ! | हे लताः ! |
ईकारान्त स्त्रीलिंग (नदी)
◾नदी शब्द की तरह जननी, भगिनी, नारी, पत्नी, सखी, रजनी, आदि के शब्दरूप (Shabdroop) चलते हैं।
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | नदी | नद्यौ | नद्य: |
द्वितीया | नदीम् | नद्यौ | नदीः |
तृतीया | नद्या | नदीभ्याम् | नदीभिः |
चतुर्थी | नद्यै | नदीभ्याम् | नदीभ्यः |
पञ्चमी | नद्याः | नदीभ्याम् | नदीभ्यः |
षष्ठी | नद्याः | नद्योः | नदीनाम् |
सप्तमी | नद्याम् | नद्योः | नदीषु |
संबोधन | हे नदि ! | हे नद्यौ ! | हे नद्यः ! |
उकारान्त स्त्रीलिंग (धेनु)
◾धेनु शब्द की तरह चञ्चु, रज्जु, रेणु, आदि के शब्दरूप (Shabdroop) होते हैं।
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | धेनु | धेनू | धेनवः |
द्वितीया | धेनुम् | धेनू | धेनूः |
तृतीया | धेन्वा | धेनुभ्याम् | धेनुभिः |
चतुर्थी | धेन्वै / धेनवे | धेनुभ्याम् | धेनुभ्यः |
पञ्चमी | धेन्वाः / धेनोः | धेनुभ्याम् | धेनुभ्यः |
षष्ठी | धेन्वाः / धेनोः | धेन्वोः | धेनुनाम् |
सप्तमी | धेन्वाम् / धेनौ | धेन्वोः | धेनुषु |
संबोधन | हे धेनो ! | हे धेनू ! | हे धेनवः ! |
ऊकारान्त स्त्रीलिंग (वधू)
◾चमू (सेना), जम्बू (जामुन), ककंधू (बेर), श्मश्रु (दाढ़ी), आदि के रूप वधू के समान चलते हैं।
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | वधूः | वध्वौ | वध्वः |
द्वितीया | वधूम् | वध्वौ | वधूः |
तृतीया | वध्वा | वधूभ्याम् | वधूभिः |
चतुर्थी | वध्वै | वधूभ्याम् | वधूभ्यः |
पञ्चमी | वध्वाः | वधूभ्याम् | वधूभ्यः |
षष्ठी | वध्वाः | वध्वोः | वधूनाम् |
सप्तमी | वध्वाम् | वध्वोः | वधूषु |
संबोधन | हे वधुः ! | हे वध्वो ! | हे वध्वः ! |
उकारान्त पुल्लिंग (साधु)
◾साधु की तरह ही गुुुरु, शिशु, भानु, तरु, विष्णु, रिपु, शत्रु, इन्दु, बन्धु, आदि का शब्दरूप (Shabdroop) भी बनता है।
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | साधुः | साधू | साधवः |
द्वितीया | साधुम् | साधू | साधून् |
तृतीया | साधुना | साधुभ्याम् | साधुभिः |
चतुर्थी | साधवे | साधुभ्याम् | साधुभ्यः |
पञ्चमी | साधोः | साधुभ्याम् | साधुभ्यः |
षष्ठी | साधोः | साध्वोः | साधूनाम् |
सप्तमी | साधौ | साध्वोः | साधुषु |
संबोधन | हे साधो ! | हे साधू ! | हे साधवः ! |
ऋकारान्त (पितृ)
◾अन्य ऋकारान्त शब्द जैसे मातृ, भ्रातृ, जामातृ, दातृ, नेतृ आदि भी पितृ शब्दरूप (Shabdroop) का अनुसरण करते हैं।
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | पिता | पितरौ | पितरः |
द्वितीया | पितरम् | पितरौ | पितृन |
तृतीया | पित्रा | पितृभ्याम् | पितृभिः |
चतुर्थी | पित्रे | पितृभ्याम् | पितृभ्यः |
पञ्चमी | पितुः | पितृभ्याम् | पितृभ्यः |
षष्ठी | पितुः | पित्रोः | पितृणाम् |
सप्तमी | पितरि | पित्रोः | पितृषु |
संबोधन | हे पितः ! | हे पितरौ ! | हे पितरः ! |
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