Categories
Kumar Bhritya

Shva Graha | श्व ग्रह : Bal Graha – Symptoms and Management

इस बाल ग्रह का वर्णन केवल अष्टांग हृदय में मिलता है।

लक्षण :-

  • कम्पन
  • रोमांच होना
  • स्वेद
  • नेत्र बंद होना
  • जिह्वा को काट लेना
  • गले के अन्दर शब्द होना
  • मल के समान गंध होना
  • कुत्ते के समान चिल्लाना

चिकित्सा :-

  • इंद्रायण, ब्राह्मी, कटेरी दोनों, सारीवा, नेत्र बाला, कदम्ब, तुलसी मंजरी, कनेर का फूल इनसे पीसकर लेप करें।
  • बिल्व, एरंड, करंज, श्योनाक के पत्तियों के क्वाथ से परिषेक करे।
  • आमला, शतावरी, सारीवा, सराल कंद, एरंड, सहदेवी, त्रिकटु कल्क दूध से सिद्ध तैल से अभ्यंग करे।
  • सूखी मछलियां के चूर्ण , गाय, बकरी मूत्र से भावित करके आधी रात को धूनी दे।
  • बच, आमला, ब्राह्मी, जटामांसी, दूर्वा, कड़वी तुरई, हरीतकी, भूत केशी , हल्दी, त्रिवृत, सहदेवी गले में धारण करें।
  • घी, मांस, सुरा, दही, रक्त, तिल कालक की बलि दे
  • कूड़े के ढेर पर स्नान करवाए व निम्न मंत्र पढ़े –
    • रक्षार्य कार्तिकेयस्य कृत्तिकोमाग्निशूलिभिः । योऽसौ श्वविग्रहः सृष्टः स वेवस्त्वाभिरक्षतु ॥ स्वाहा।
    • कार्तिकेय की रक्षा के लिए कृतिका, उमा, अग्नि व महादेव जो शवगृह बनाया वह तेरी रक्षा करे स्वाहा।

One reply on “Shva Graha | श्व ग्रह : Bal Graha – Symptoms and Management”

Leave a Reply