नस्य (Nasya) शब्द निष्पत्ति :- भावप्रकाश ने नासा मार्ग से औषध ग्रहण करने को नस्य (Nasya) कहा है। अरुण दत्त के द्वारा कहा गया है कि नासिका से नस्य दिया जाता है। ‘नस्य’ शब्द का अर्थ है – जो नासा (नाक) के लिए हितकारी है। उर्ध्वजत्रुविकारेषु विशेषान्नस्यमिष्यते। नासा ही शिरसो द्वारं तेन तद्व्याप्य हन्ति तान्। […]
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जो बाहरी वस्तु शरीर के धातु में प्रवेश कर कहीं खो जाए या दिखाई ना दे, उसे ढूंढने के उपाय को प्रनष्ट शल्य (Pranasht Shalya) कहते हैं। शल्य क्या है ? “सर्व शरीर बांधकरं शल्यं।” (सु. सू. 26/5) अर्थात् सारे शरीर में जो पीड़ा पहुंचाए, उसे शल्य कहते हैं। जैसे- यदि भोजन भी जरूरत से […]