‘शलभ‘ संस्कृत शब्द है जो टिड्डी (Locust/ Grasshopper) के लिये प्रयुक्त होता हैं। जैसे की टिड्डी पृष्ठभाग उठा कर रहता है, उसी तरह नाभि से पिछला भाग भूमि से ऊपर उठाने पर इसे शलभासन (Salabhasana) कहते है। स्थिति– अधोमुख तानासन। विधि :- पेट के बल लेटे, ठोड़ी भूमि पर टिकाए। दोनो हाथ कमर के साथ […]
Tag: Posture
स्थिति– उत्तरी तानासन। विधि / Steps :- उत्तान तानासन दोनों घुटनों को मोड़ना चाहिए। एड़िया नितम्बों से लगी रहनी चाहिए। दोनों हाथों को उल्टा करके, दोनों कन्धौ के पास स्थिर करें। हाथ और पैरों के सहारे से कमर और छाती को ऊपर उठायें। धीरे-धीरे कमर को और अधिक ऊपर उठायें। पूरे शरीर का भार हाथ […]
हल के समान शरीर की आकृति बनाने से इसे, हलासन (Halasana) कहते है। *स्थिति : ताड़ासन ( उत्तान नानासन) विधि /Steps :- सर्वांगासन की भाँति पैरों को क्रमश: 30°,60°,90° तक उठाना चाहिए। इस स्थिति को हलासन (Halasana) कहते हैं। हाथो से भूमि को दबाते हुये और पीठ को भूमि पर टिकाकर धीरे धीरे पैरों को […]
सर्वांगासन के पश्चात् मत्स्यासन (Matsyasana) करना चाहिए। *शरीर मछली की भाँति जल में तैरने से ही इसे मत्स्यासन (Matsyasana) कहा गया है। स्थिति- उत्तान तानासन। विधि /Steps :- उत्तान ताड़ासन की स्थिति से दाहिने पैर को बायीं जाँघ पर और बाएं पैर को दाहिनी जाँघ पर रखें इस प्रकार यहाँ पद्मासन जैसी स्थिति बन जाती […]
सर्व शरीर के प्रभावित होने से इस आसन को सर्वाङ्गासन (Sarvangasana) कहा जाता है। स्थिति:- उत्तान तानासन। विधि:- पीठ के बल देना चाहिए। दोनों पैरों की एड़ी पंजे को मिलाये। धीर-धीर दोनों पैरों को जमीन से ऊपर उठाना चाहिए, हाथ कन्धे के समानान्तर सीध फेलाये। धीर-धीरे पैरों को 30 डिग्री तक उठाकर, कछ सैकण्ड इस […]