आचार्य सुश्रुत ने 11 प्रकार के शिरोरोग (Shiroroga) का वर्णन किया है। Mnemonic:- सूर्य द्वारा दोषों के क्षय से आधे भाग में शंख समान अनंत कृमि उत्पन्न हुए। सूर्य – सूर्यावर्त्त रोग दोषों – (5) वात, पित्त, कफ, रक्तज, त्रिदोषज शिरोरोग क्षय – क्षयज शिरो रोग आधे – अर्धावभेदक शंख – शंखक अनंत – अनंतवात […]
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Vision is the special sense of sight that is based on the transduction of light stimuli received through the eyes. Let’s see the physiology of vision. नेत्र क्रिया शारीर :- इंद्रिय ज्ञान के लिए इंद्रिय अर्थ, इंद्रिय, मन व आत्मा में संबंध होना चाहिए, नेत्र में रहने वाला पित्त जिसका काम रूप आलोचन का है […]
आचार्य सुश्रुत ने बाह्य कारण से (Bahya roga) 2 प्रकार के लिंगनाश का वर्णन किया है। Quick Revision सनिमित्त नेत्र रोग सिर के अभिताप से उत्पन्न, अभिष्यंद समान लक्षण Optic neuritis- it is inflammation of optic nerve अनिमित्त नेत्र रोग देवता, ऋषि, गंधर्व, बडे़ सर्प को देखने से तथा प्रकाशवान पदार्थ देखने से दृष्टि नष्ट, […]