आचार्य वाग्भट ने कपालगत रोग (Kapalgata Roga) का वर्णन किया है। Mnemonic:- DK’s VIP PAAV D – दारुणक K – खलित V – उपशीर्षक I – इंद्रलुप्त P – पलित P – पिटिका A – अर्बुद A – अरुषिका V – विद्रधि Quick Revision of Kapalgata roga:- उपशीर्षक गर्भ में वायु प्रकुपित होकर, कपाल के […]
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आचार्य सुश्रुत ने 11 प्रकार के शिरोरोग (Shiroroga) का वर्णन किया है। Mnemonic:- सूर्य द्वारा दोषों के क्षय से आधे भाग में शंख समान अनंत कृमि उत्पन्न हुए। सूर्य – सूर्यावर्त्त रोग दोषों – (5) वात, पित्त, कफ, रक्तज, त्रिदोषज शिरोरोग क्षय – क्षयज शिरो रोग आधे – अर्धावभेदक शंख – शंखक अनंत – अनंतवात […]
आचार्य सुश्रुत ने बाह्य कारण से (Bahya roga) 2 प्रकार के लिंगनाश का वर्णन किया है। Quick Revision सनिमित्त नेत्र रोग सिर के अभिताप से उत्पन्न, अभिष्यंद समान लक्षण Optic neuritis- it is inflammation of optic nerve अनिमित्त नेत्र रोग देवता, ऋषि, गंधर्व, बडे़ सर्प को देखने से तथा प्रकाशवान पदार्थ देखने से दृष्टि नष्ट, […]