AFTER READING NADI VIGYAN, READ NADI PARIKSHA. पर्याय :- हिंस्त्रा स्रायुर्वसा नाडी धमनी धामनी धरा। तन्तुकी जीवितज्ञा च शिरा पर्यायवाचकाः॥ स्नायु, हिंस्त्रा, धमनी, धारिणी, धरा, तंतुकी, जीवनज्ञाना, नाङी। नाड़ी के भेद :- तत्र कायनाडी त्रिविधा। एका युवा, अन्या मूत्र विड- स्थिर स वाहिनी, अपरा आहार वाहिनी इति ॥ नाड़ी 3 प्रकार की होती है :- […]