AFTER READING NADI VIGYAN, READ NADI PARIKSHA. पर्याय :- हिंस्त्रा स्रायुर्वसा नाडी धमनी धामनी धरा। तन्तुकी जीवितज्ञा च शिरा पर्यायवाचकाः॥ स्नायु, हिंस्त्रा, धमनी, धारिणी, धरा, तंतुकी, जीवनज्ञाना, नाङी। नाड़ी के भेद :- तत्र कायनाडी त्रिविधा। एका युवा, अन्या मूत्र विड- स्थिर स वाहिनी, अपरा आहार वाहिनी इति ॥ नाड़ी 3 प्रकार की होती है :- […]
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AFTER READING SHAT CHAKRA WITH TRICK, READ NADI VIGYAN. षट्चक्रं षोडशाधारं त्रिलक्षं व्योमपञ्चकम्।स्वदेहे यो न जानाति कथं वैद्यः स उच्यते ॥ एतानि षटू च चक्राणि यो जानाति स वैद्यराट् / वैद्यभाक् ॥ जो वैद्य अपनी देह में स्थित छ: चक्रों, 16 आधार, 3 लक्षण व्योम पंच को नहीं जानता वह वैद्य किस प्रकार का ?? […]