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Dravya Guna Plants

Tulsi – Ocimum sanctum Comparitive Review

Botanical name- Ocimum Sanctum

Family- Lamiaceae

  • English name- Holy basil
  • हिन्दी – तुलसी, वृंदा
  • तेलेगु – गग्गेर चेट्टू
  • तमिल – तुलशी
  • अरबी – दोहश

Understanding Tulsi Types in Nighantus :-

Total 9 types of Tulsi available that to can be further divided on basis of colour.

Comparitive Review Name :-

NameMadanpalDhanvantriRajKaidevChanduBhav Prakash
तुलसी*****
सुरसा*****
गौरी*****
भूतह्नी****
बेहमञ्जरी*
ग्राम्या**
सुरभि**
बहुमञ्जरी*
देवदुंदुभि**
तीव्रा*
पावनी*
विष्णुवल्लभा*
सुरेज्या*
कायस्था**
सुरद्वंद्वभी*
बहुपत्री*
मञ्जरी*
हरिप्रिया*
अपेतराक्षसी*
श्यामा*
व्रिदशमञ्जरी*
पूतपत्री*
राजसी*
श्वेत तुलसी**
श्वेता*
श्रीमञ्जरी**
सुरभिमञ्जरी**
गभूरिमञ्जरी*
शकपत्नी*
नागमाता*
दलसाग्रसी*
भूतकेशी*
सुरसाग्रणी*
सुलभा*
बहुमञ्जरी*
अपेतराक्षसी*
Tulsi
NameMadanpalRajKaidevChanduBhav Prakash
बर्बरी***
वर्बरी*
वर्जक*
कुण्ठ*
वैकुण्ठ*
कपित्थार्जक*
कुठेरक*
वटपत्र*
कठिञ्जर*
कृष्णार्जक***
कालमास*
कराल**
कृष्णमल्लिका***
कृष्ण अर्जक**
कालमाल**
मालूक**
कृष्ण मूलक***
गरहन*
वन बर्बर*
कालभाला*
काकमल्ली*
कराल*
कपित्थ*
कवरी*
तुङ्गी**
खरपुष्पा**
अजगंधिका**
शालुक*
तीक्ष्णगंधा*
कुठेर*
वन तुलसी*
कठिल्लक*
कुठेरक*
वनवर्वटिका*
सुगंधित*
दोषोत्क्लेशी*
सुप्रसन्नक**
विषह्न*
सुमुख*
सूक्ष्म पत्रक*
निद्रालु*
शोफपारी*
सुवक्त्र*
दाहन*
स्वास्य*
कटुच्छद*
निद्राकर*
गरहन*
शोभानानन*
barbari – van tulsi
NameRajKaidevChandu
साधा तुलसी*
कृष्णा***
कृष्ण तुलसी***
श्वेता*
लक्ष्मी*
सित*
सुरसा**
भूतेष्टा*
देवदुन्दुभी*
भूतप्रिया*
नागमाता*
चकपर्णी**
सुमञ्जरी**
स्वादुगंधच्छदा*
भूतपति*
अपेतराक्षसी*
कायस्था*
सुरसाग्रहा*
Sadi Tulsi – Shvet tulsi
NameRajKaidevChandu
अर्जक***
क्षुद्र तुलसी*
क्षुद्रपर्णी*
मुखार्जक*
उग्रगंध*
जम्बीर*
कुठेर*
कठिञ्जर**
कुंठ*
वैकुंठ**
कुठेरक**
पर्णाश*
बिल्वगंध*
श्वेतपर्ण*
वटपत्र*
गंधपत्र*
कपित्थार्जक*
वण्र्य*
सौगंधपत्रक*
वटच्छद*
कणृटस*
Arjak
NameRajChandu
मरुबक **
मरुव*
गंधपत्र*
फणिञ्झक**
बहुवीर्या*
शीतलक*
समीरण*
जम्बीर**
प्रन्थकुसुम*
आजंमसुरभिपत्र*
मरिच*
खरपत्र*
मयुरक*
तीक्ष्णगंध*
सुगंधक*
Fanjik, Marubak
NameRaj
सफेंद अर्जक*
सितार्जक*
वैकुण्ठ*
वटपत्र*
कुठेरक*
जम्बीर*
गंधबहुल*
सुमुख*
कटुपत्रक*
Safed Arjak
NameKaidev
कर्पूर तुलसी*
भूतवेश्या*
लता*
kapur Tulsi
NameBhav Prakash
काली वन तुलसी*
कठिल्लक*
कुठेरक*
KAli Van Tulsi

External morphology-

  • 30-60 cm high, straight, multi branched, aromatic, soft, hairy, plant or shrub
  • Leaves- simple, opposite, 2.5-6.3 cm long 1-3 cm wide, hairy on both sides
  • flower- small, white or purple or red in colour, circular, small
  • Fruit- very small, circular, wide or sharp
  • flowering and fruiting season from July to october

Classical Mentions :-

अथर्व वेद – 5/4/3
चरक संहिता – श्वासहर महाकषाय ( 4/16, 3/8 )
सुश्रुत संहिता – सुरसादि गण (सुत्र 38,18)
अष्टांग संग्रह – उत्तर 6,38
अष्टांग ह्रदय – सूत्र 15,30
शाडंगर संहिता – 2/12/52
भाव प्रकाश निघंटु – पुष्प वर्ग
मदनपाल निघंटु – कर्पुरादि वर्ग
धनवंत्रि निघंटु – करवीरादि वर्ग
राज निघंटु – करवीरादि वर्ग
कैदेव निघंटु – ओषद्धि वर्ग
चंदु निघंटु – सुरसादि गण

Chemical constituents-

  • The plant contains citric, tartaric and maulic acid.
  • It’s oil contains uzinal, methyl ether, terpen-4-al, gamma selenium, nirol, keriyophylin, terpinin, aldehyde
  • Its leaves contain uzinal, methil chevikal, and avolatile oil.
  • It contains ascorbic acid, alkaloids, glycoside, saponin and tanin.

गुण – कर्म व प्रभाव –

  • तुलसी पंचांग कफवात शामक, जंतुघन, दुर्गन्ध नाशक, पाचन, अनुलोम, कृमिघ्न, कफघ्न, हृदयोत्तेजक, स्वेदजनन, ज्वरघ्न व शोथहर है।
  • तुलसी के बीज मूत्रल व बलकारक हैं।
  • तुलसी के पत्र प्रतिश्याय, वातश्लैष्मिक ज्वर व विषम लाभप्रद हैं।
  • तुलसी पंचांग श्वास, शोथ, यकृत, हृदय विकार, प्रतिश्याय, विसूचिका, उदर शूल, विबंध, खास, ऐंठन, त्वक विकार, अतिसार, कष्ट आर्तव, अग्निमांद्य, मस्तिष्क रोग, नासा स्त्राव, ज्वर, श्वित्र, शिरोवेदना, कटिशूल, मलेरिया, कर्ण रोग, अक्षि रोग, पूतिनासा, आमवात, सर्पदंश, प्लीहारोग, व्रण, रतिज रोग, अधिमास में प्रयोग होता है।

Comparitive Review Gunn :-

GunnMadanpalDhanvantriRajKaidevChanduBhav Prakash
कटु तिक्त*****
कटु विपाक**
लघु***
रुक्ष***
उष्ण*****
तीक्ष्ण*
कफवातशामक****
कफनाशक*
वातनाशक*
GunnMadanpalRajKaidevChanduBhav Prakash
शीत**
कटु****
पित्तजनन**
कफवातशामक***
उष्ण**
रुक्ष*
तीक्ष्ण*
लघु*
Barbari
GunnRajChandu
कटु तिक्त**
उष्ण**
कटु विपाक*
कफनाशक*
Marubak
GunnRajKaidevChandu
कटु**
कफवातशामक*
तिक्त कटु*
उष्ण*
रुक्ष*
तीक्ष्ण*
लघु*
Arzak

औषधीय प्रयोग व मात्रा –

  • तुलसी के 5 पत्तों को प्रतिदिन पानी के साथ निगलने से बुद्धि, मेधा तथा मस्तिष्क की शक्ति बढ़ती है।
  • तुलसी तेल को 1-2 बूंद नाक में टपकाने से पुराना सिर दर्द व अन्य शिरो रोग नष्ट हो जाते हैं।
  • तुलसी तेल को मुंह पर मलने से चेहरे का रंग साफ हो जाता है।
  • तुलसी के पत्ते या मंजरी को मसलकर सूंघने से पीनस रोग का शमन होता है।
  • तुलसी पत्र स्वरस को गरम करके 2-2 बूंद कान में टपकाने से कर्ण शूल का शमन होता है।
  • तुलसी की जड़ को मुलेठी की तरह चूसते रहने से स्वर भंग में लाभ होता है।
  • 5-10 मिली तुलसी पत्र स्वरस में काली मिर्च का चूर्ण डालकर पीने से खांसी का वेग कम हो जाता है।
  • तुलसी के पत्तों का क्वाथ बनाकर पीने से कामला में लाभ होता है।
  • 1 ग्राम तुलसी बीज को दूध के साथ सुबह शाम सेवन करने से धातु दुर्बलता में लाभ होता है।
  • 10-20 मिली तुलसी पत्र स्वरस को प्रातः काल प्रतिदिन पीने से कुष्ठ रोग में लाभ होता है।
  • तुलसी पत्र स्वरस को व्रण में लगाने से व्रण का शोधन तथा रोपण होता है।
  • शरीर पर तुलसी स्वरस का लेप करने से शीतपित्त तथा उदर्द का शमन होता है।
  • तुलसी मूल क्वाथ को 15 मिली की मात्रा में दिन में दो बार पीने से विषम ज्वर का शमन होता है।

Comparitive Review Karm :-

KarmMadanpalDhanvantriRajKaidevChanduBhav Prakash
हद्य**
दाह***
दीपक****
कुष्ठ***
मूत्रकृच्छ***
रक्त विकार*
पार्श्व शूल**
कृमि****
अरुची**
भूतबाधा*
श्वास**
कास*
हिचकी**
वमन*
दुर्गन्ध*
विष**
अश्मरी*
नेत्र रोग*
KarmMadanpalRajKaidevChanduBhav Prakash
विदाही**
रक्त विकार**
दाह**
कृमि***
विष**
वमन**
भूत दोष**
पिशाच*
ह्रदय *
खुजली*
KarmRajChandu
मरुबक*
कृमि**
कुष्ठ**
विबंध*
आध्मान*
शूल*
दीपक*
चर्म विकार*
वृश्चिक विष*
marubak
KarmRajKaidevChandu
नेत्र रोग*
रुचिकारक**
सुख पूर्वक‌ प्रसव*
विदाही*
दीपक*
ह्रदय*
स्वेदवेशाहन*
Arzrak

प्रयोज्यांग – पंचांग, मूल, पत्र व बीज

मात्रा – चूर्ण – 1-3 ग्राम, स्वरस – 5-10 मिली

7 replies on “Tulsi – Ocimum sanctum Comparitive Review”

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