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Vyomashma | व्योमाशम : Jade – Cures Heart problems

व्योमाशम (Vyomashma) सिकता वर्ग के अंतर्गत आता है। आधुनिक रत्न विज्ञान एवं यूनानी वैद्यकग्रंथों में इसका उल्लेख मिलता है।

Names:-

संस्कृतव्योमाशम
हिन्दीसंगेयशव
EnglishJade / Jadite
  • Hardness – 6.5
  • Relative Density- 3.1

पर्याय:-

  • यशबशिला
  • व्योमाशम
  • हरिताश्म
  • हरिन्मणि

परिचय:-

Vyomashma
  • यह अपारदर्शक, जैतूनी रंग का पीलापन लिए हरावर्ण का
  • अर्थात हरा और सफेदी वर्ण मिश्रित अंगूरी रंग का दिखाई देता है।
  • धारण करने से – थकावट दूर, शरीर दृढ़ होता है।

प्राप्ति स्थान:-

  • China
  • Tibbet
  • New Zealand
  • Ladakh
  • Kashmir

Types of Vyomashma:-

  1. Jadite :- Chinese jade– transparent and heavy , silicate of Al and Na NaAl(SiO3)2
  2. Nephrite :- New Zealand jade– silicate of Mg and Ca, {Ca(MgFe)3 (SiO3)}4

ग्राह्य व्योमाशम :-

  • जैतूनी एवं अंगूरी वर्ण का बहुत ही कठिन पत्थर है।
  • हरा और सफेदी मिश्रित वर्ण का अपारदर्शक और स्वच्छ ग्राह्य होता है।

शोधन:-

छोटे – छोटे टुकड़े करके ➡ अग्नि पर प्रतप्त कर ➡ अर्जुनत्वक् क्वाथ या गुलाब जल ➡21 बार बुझाने पर शुद्ध हो जाता है।

मारण:-

शुद्ध व्योमाशम (Vyomashma)➡ सूक्ष्म चूर्ण करके➡ अर्जुनत्वक् क्वाथ/ गुलाब जल/ घृतकुमारी स्वरस; की भावना देकर ➡ मर्दन कर टिकिया बनाएं ➡ शराव सम्पुट कर गजपुट में पाक करें ➡ 10 – 12 पुट देने पर उत्तम भस्म तैयार हो जाती है।

व्योमाशम पिष्टि :-

शुद्ध व्योमाशम (Vyomashma)➡सूक्ष्म चूर्ण ➡सिमाक पत्थर की खल्व में डालकर ➡ गुलाबजल से 3 दिन तक अच्छी प्रकार से मर्दन करने पर पिष्टि बन जाती।

मात्रा:-

2 – 4 रत्ती

भस्म एवं पिष्टि के गुण:-

  • हृदय की धड़कन, दुर्बलता, उच्च् रक्तचाप (High Blood pressure), निद्राल्पता को दूर।
  • इस कारण इसका नाम “हौलदिल” पत्थर रखा गया है।
  • आंतरिक व्रणों में लाभ करता है।

अनुपान:-

मधु, मिश्री, अर्कगुलाब

प्रमुख योग:-

  1. व्योमाशम भस्म
  2. जवाहरमोहरा वटी
  3. ब्राह्मी वटी
  4. व्योमाशम पिष्टि
  5. हृद्वेपनारि चूर्ण

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