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Yavshaar | यवक्षार | Mixture of Potassium Salts – Uses, properties

Name:-

संस्कृतयवक्षार
हिन्दीजवाखार, जौखार
EnglishMixture of Potassium salts

पर्याय:-

  • यवज
  • यव्य
  • याव्य
  • पाक्य
  • यवशूक
  • शूकज
  • यवनालज
  • यवक्षार
  • यावशूकज

परिचय:-

  • पके हुए जौ के पञ्चाङ्ग को सुखाकर➡जलाने पर क्षारपाक विधि सेे प्राप्त किया गया श्वेतक्षार है
  • दानायुक्त चूर्णरूप
  • श्वेतवर्ण ,
  • क्षार और तिक्त रस होता है।

यवक्षार निर्माण :-

पके जौ के पञ्चाङ्ग को जलाकर उसकी भस्म करके 1 साफ पात्र में 8 गुने जल में घोल लें

कुछ समय स्थिर रखने के बाद ऊपर के जल को निथार लें

निथारे हुए जल को साफ गाढ़े वस्त्र से 7 बार छान ले

➡ अग्नि पर पकाकर गाढ़ा करें

अग्नि से उतारकर धूप में रखकर सुखाकर रख लें

➡यवक्षार प्राप्त।

मात्रा:-

2 -10 रत्ती

अनुपान:-

जल

गुण:-

  • रस – कटु
  • वीर्य- उष्ण
  • गुण- सर
  • पाण्डु, ग्रहणी, प्लीहा वृद्धि ,आनाह , गुल्म रोग , कास ,अर्श रोगों को नष्ट करता है।

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