After reading this read Strotas and diseases with Trick आचार्य चरक ने स्रोतस की चिकित्या में उपयोगिता देखते हुए उसके विवेचन के लिए अलग अध्याय में बताया है । चरक विमान स्थान अध्याय 5 स्रोतोविमानं में बताया है। स्त्रोतस दो प्रकार के होते है:- बहिर्मुख स्रोतस :- यह शरीर के बाहर के द्वार होते है […]
Month: December 2019
वैरोधिक आहार (Virodhik Ahaar) आचार्य चरक ने सूत्र स्थान के 25वे अध्याय (यज्ज: पुरूषीय अध्याय) में संभाशा परिषद् में 18 प्रकार का बताया है। इनके विरूद्ध होने पर खाना, शरीर के लिए अहितकर होता है । पथ्य पथोऽनपेत यद्यच्चोक्तं मनसः प्रियम् । यच्चाप्रियमपथ्यं च नियतं तत्र लक्षयेत् ॥ ४५ ॥मात्राकालक्रियाभूमिदेहदोषगुणान्तरम् । प्राप्य तत्तद्धि दृश्यन्ते ते […]
Botanical name :- Terminalia chebula Family : Comberetaceae Verniculer names :- हिन्दी :- हरड़, हरे, हड़ उर्दू :- हरड़ (Haejarad) उड़िया :- कथा (Karedha),हरे धा (Kharida) असमिया :– हिलिखा (Hilikha) कोंकणी :-ओरडो (Ordo) कन्नड़ :- अनिलेकई(Anilaykayi),करक्काई(Karakkai) गुजराती:- हरीतकी (Haritaki),हिमजा(Himaja) तमिल :- कडुक्कै (Kadukkai) तेलुगु :- करक्काय(Karakkaya), हरितकि ( Haritaki) बंगाली :- होरीतकी(Horitaki), नारा ( Narra) […]
प्राणवह स्त्रोतस की व्याधि:- राजा की क्षत पर वार होने से शोष रोग हुआ और प्राण निकल गए। (हिक्का ,कास, श्वास) राजा – रज्यक्षमा क्षत – क्षतक्षीण शोष – शोष रोग प्राण – प्राणवह स्त्रोतस उदकवह स्त्रोतस की व्याधि:- उदर जाकर कृष्णा ने सूचिका पत्र में लिखे सार को प्रवाहित कर दिया। उदर – उदकवह […]
Menopause, clinical features, changes during menopause, diagnosis, management, treatment
●औषध एवं भैषज्य दोनों का प्रयोजन रोग को दूर करना है। इसलिए औषध एवं भेषज पर्यायवाची है। ●आचार्य चरक ने भेषज एवं औषध को पर्याय माना है। अर्थात 1.चिकित्सित 2. व्याधिहर 3.पथ्य 4. साधन 5. औषध। 6.प्रायश्चित 7. प्रशमन 8. प्रकृतिस्थापन और 9. हित ये 9 पर्याय भेषज के हैं। ■परन्तु आचार्य काश्यप ने औषध […]
• SADHARAN RAS SANKHYA M 8 HOTE HAI. कंपिलाक ने गौरी व नवसादर का अग्नि में सिंदूर बनाकर कपड़े से छानकर ही मुख से संख बजाया। कंपिलक – कंपिलक गौरी – गौरीपाषाण नवसादर – नवसादर अग्नि – अग्निजार सिंदूर – गिरि सिंदूर कपड़े – कपर्द ही – हिंगूल मुख से संख – मृद्श्रृंग साधारण रस […]
** UP RAS SANKHYA MEH 8 HAI SYLLABUS KE ACCORDING PAR ALAG ALAG ACHARYO NE ALAG ALAG BATAYE H. अंजन प्रयोग से महत्वकंक्षी आशीष का कुष्ठ टीक न होने से गैरिक की गंध ने मन को हर लिया । अंजन – अंजनमहत्वकांक्षी – कांक्षीआशीष – काशीशकुष्ठ – कंकुष्टगैरिक – गैरिकगंध – गंधकमन – मन: शिलाहर […]
MAHA RAS SANKHYA MEH 8 HOTE HAI ACCORDING TO SYLLABUS PAR ALAG ALAG ACHARYO NE ALAG ALAG BATAYE H. अभी वैक्रान्त ने अमल शिलाजीत के रस में पड़ी तुच्छ मक्षिक को चपल से रोंढा। अभी – अभ्रक वैक्रान्त – वैक्रान्त अमल – विमल शिलाजीत – शिलाजीत रस – रसक तुच्छ – तुत्थ माक्षिक – माक्षिक […]
उपविष संख्या में 11 hai।और विष (Vish) 8 hai par detail में सिर्फ 1 पढ़ना है वत्सनाभ बाकी के बस नाम hai syllabus meh। उपविष :- अपने भलातक की लाडली स्नेहा ने गंजे जयपाल के फूल के बीजों को कुचल कर भगा दिया। अपने – अर्क (अ से ) पोस्ता/अहिफेन (प से) भलातक – भलातक […]