क्षार वर्ग (kshaar Vargha) ke baad meh Lavan Vargha padhe
यश और सूरज ने सर्जिकल स्ट्राइक में टंकण ( कंकड़ ) बर्साए।
यश – यवक्षार
सूर्य – सूर्यक्षार
सर्जिकल – सर्जीक्षार
टंकण – टंकणक्षार
क्षार निर्माण विधि :-
पंचांग ले कर जलाकर ——— भस्म
भस्म में 8 गुना जल डाले ——- घोल
घोल में जल निथरकर छाने 7 बार —— क्षार जल के साथ —– धूप में सुखाले—— क्षार
क्षार वर्ग | पर्याय | निर्माण विधि | मात्रा | शोधन | उपयोग | गुण |
यवक्षार | यवापत्य,यवज,यव्य, यावशूकज, | जौं के पंचांग को जलाकर | 3-10 रती | – | दीपन, कफ वात नाशक, पाचक, गुल्म,पलीहा, आनाह,उदरशूल, गलरोग,अम्लपित्त | रस – कटु, वीर्य – उष्ण, गुण – लघु, तीक्ष्ण,सर,वातकफ शामक |
सूर्यक्षार | सोरा, सोरका, वाहनिक्षार | सोराका का पंचांग को जलाकर | 2-10 रती | – | अश्मारी,मुत्रक्रिछ,पांडु,प्रमेह,अग्निमंद | वीर्य – उष्ण |
सर्जीक्षार | स्वज्जिक,स्वर्जिका,स्वर्ज्जका,स्वर्जिकाक्षार,कपोत,सुवर्चक | उष्ट्रप्रिया ( छोटी दुर्लभा) का पंचांग | 3-12 रती | – | आध्यमन,श्वास,उदर,कृमि,कास,प्लीहा,अर्श,गुल्म | रस – कटु, वीर्य – उष्ण, गुण – लघु, तीक्ष्ण, रूक्ष, वातकफ शामक |
टंकणक्षार | सौभाग्य, द्रावक,टंकण क्षार,स्वर्णशोधन, श्वेतक्षार,क्षार राज | Naturally found | 1-2 रती | लोहे की कढ़ाई में भर्जन – टंकण उत्फुल्लित | वत्सनाभ का प्रतिविष,श्वास,मुढगर्भ | रस – क्षारीय, वीर्य – उष्ण,गुण -तीक्ष्ण, रूक्ष,कफ नि: सारक, वात शामक |
3 replies on “KSHAAR VARGHA (क्षार वर्ग ) with Trick to Learn For B.A.M.S,”
[…] जवाखार (Hordeum vulgare) […]
[…] यवक्षार (Pottasium carbonate) – 3 gram […]
VERY VERY NICE