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Rog Nidan

Anaha Rog Nidan ( आनाह रोग निदान ) : भेद, लक्षण

आमरस अथवा आम धीरे-धीरे इकट्ठा होकर प्रकृति वात दोष द्वारा बांधकर, जब स्वाभाविक रूप से नहीं निकल पाता है। तो उस विकार को आनाह (Anaha) कहते हैं।

भेद :-

भेदलक्षण
आमजबार बार प्यास लगना, जुखाम होना, सिर में जलन, आमाशय में शूल, शरीर में भारीपन, हृदय की गति शीलता में रुकावट, बार-बार डकार आना
पुरीषजकमर व पृष्ठ में पीड़ा, जकड़न, मल-मूत्र निकलने में रुकावट, पक्वाशय में शूल, मूर्च्छा, मल का मुख से निकलना, शरीर में सूजन, अलस रोग के लक्षण होना

अलस के लक्षण :-

आचार्य सुश्रुत ने इसकी गणना क्षुद्र रोग के अन्तर्गत की है और क्षुद्र रोगों की संख्या 44 बताई है। इनका वर्णन कम मिलता है जो कि इस प्रकार है :-

इस रोग में पाव की उंगलियों के बीच में गीलापन या सड़न होती है। उसके साथ में खुजली, जलन, पीड़ा होती है।

यह रोग दूषित कीचड़ से स्पर्श के कारण होता है।

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