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Amla / आँवला – Emblica officinalis Comparative review

BOTANICAL NAME: Emblica officinalis FAMILY: Euphorbiaceae
ENGLISH NAME: Indian gooseberry SANSKRIT NAME: आमलक

पर्याय :

आमलकी, अमृता,धात्री, तिष्यफला, वृष्या, जातीफलरसा, शिवा, आमला, आँवले आदि।

Comparative review name:-
Nameभाव प्रकाशDhanvantriमदनपालराज कैदेवचंदुवेद
आमलकी****
वय स्था*****
वृष्या***
जातीफलरसा***
शिव***
धात्रीफल*****
श्रीफल*****
अमृतफल****
आमलक****
वृष्य**
श्रीफला*
धात्रिका*
अमृता***
शिवा**
शान्ता*
शीता*
अमृतफला**
जातीफला**
धात्रेयी*
धात्रीफला*
वृतफला*
रोचनी*
तिष्या*
तिष्यफला**
धात्री*
वृष्यफला*
दिव्या*
राधा*
अमृतोद्भवा*
शीतफल*
कोल*
तिष्यरसफल*
शिव*
जाती*
रसफल*
काकामृतफल*
अमृतोद्भव*
Amla tree
परिचय:

आँवला(Amla) भारतवर्ष में उद्यानों और जंगलों में सर्वत्र पाया जाता है। उद्यानों में लगाए जाने वाले आंवले के फल बड़े और जंगली आंवले के फल छोटे होते हैं। इसके वृक्ष की पत्तियां इमली के वृक्ष जैसी होती हैं, परन्तु इसकी पत्तियां कुछ बड़ी होती हैं तथा शतपत्र कहलाती हैं। आँवला रसायन द्रव्यों में सर्वश्रेष्ठ है। इसके सेवन से वृद्धावस्था मनुष्य पर अपना प्रभाव नहीं डाल पाती है। आयुर्वेद में इसे बहुत ऊँचा स्थान दिया गया है। चरक, सुश्रुतादि आयुर्वेदीय ग्रन्थों के रसायन आदि अन्यान्य-प्रकरणों में आमले का बार-बार उल्लेख आया है।

Habitat :

Amla is a very common plant in India. It is grown in subtropical regions and is commonly found in Northern India and Southern India like Uttar Pradesh, Rajasthan, Tamil Nadu etc. The fruits of Amla are available from October till May during which time they are also collected and preserved in large numbers to be made available during the rest of the year.

Amla
External Morphology (बह्म स्वरूप):

Amla is a deciduous tree, medium-sized tree, branched. Leaves = Simple and resemble pinnate leaves. Bark = Light brown in colour and is not continuous (fissured). Edible part= Fruit (Light-yellow in colour and globular) Flowers =Greenish-yellow or pinkish in colour. Seed= Green in colour

Chemical Composition:

Tannins, gallic acid, ellagic acid, ascorbic acid, calcium, phosphorus, aspartic acid, glutamine acid, lysine, B-cytosterol etc.

Classical Mentions:-

वेद :- अथर्व वेद 5/4/3
चरक :- वय:स्थापन, ज्वरहर, कासहर और कुष्ठहर महकषाय
सुश्रुत :- अधोभागहर संशमन औषधियों
भाव प्रकाश :- हरीतादि वर्ग
राज :- आम्रादि वर्ग
मदनपाल :- अभ्यादी वर्ग
धनवंत्ररि :- गुदुच्यादी वर्ग
कैदेव :- औषधि वर्ग
चंदू :- विरेचन गण

Amla
रस पंचक:

रस = मधुर, अम्ल, कषाय गुण = गुरु, शीत वीर्य = शीत विपाक =मधुर दोष- कर्म = त्रिदोषहर, कफ-पित्त शामक।

Comparative review gunn:-
Gunnभाव प्रकाशDhanvantriमदनपालराज कैदेवचंदु
त्रिदोष हर****
कषाय , कटु , तिक्त*
पंच रस (लवन वर्जित )**
शीत*****
रूक्ष**
कफपित्त शामक***
औषधीय प्रयोग:
  • नेत्र, कर्ण, नाक इन्द्रिय शक्ति वर्धक :- रात को 2 ग्राम चूर्ण शहद / पानी के साथ।
  • पित्त शूल :- खाली पेट 2-5 ग्राम चूर्ण मधु के साथ
  • पित्तज विकार :- 1-2 मुरब्बा खाली पेट
  • रक्त स्तंभन :- आंवले का ताजा रस लगाने से
  • घाव :- आंवला के पत्र स्वरस लगने से
  • व्यंड्ग़ :- गोमूत्र में 7 दिन भिगोकर , बकरी के दूध में पीसकर लेप करने से
  • मसुरिका :- आंवले + मुलेठी मधु मिलाकर गंडूष करना
  • विसर्प :- 25 ml स्वरस + 6gm घी = विरेचन
  • कंडू :- आंवला + नीम + घी लेप
  • शीत पित्त :- 10gm चूर्ण + गूड 10 gm
  • कुष्ठ :- नीम पत्र चूर्ण + आंवला चूर्ण + शहद के साथ सेवन
  • सुजाक :- 2-5 gm चूर्ण जल के ग्लास में घोलकर देने से
  • योनिदाह :- आंवला रस + ¼ शक्कर + ½ शहद मिलाकर पिएं
  • शुक्रमेह :- 10gm चूर्ण गुठली रहित + 20 gm मिश्री पानी के साथ
  • मूत्र करीच :- पीसकर लेप बस्ति area पर
  • कमला :- शहद के साथ चूर्ण
Comparative review karm:-
Karmभाव प्रकाशDhanvantriमदनपालराज कैदेवचंदुवेद
रक्तपित्त*
प्रमेह***
अत्यंत वृष्य***
ज्वर*
रसायन*
दाह**
वमन*
शोथ*
रूचिकारक*
थकावट*
कब्ज*
आधमान*
स्वेद शामक*
मेदो रोग*
टूटी हड्डी जोड़ने वाला*
केश्य*
तृष्णा*
मेध्य*
हघ*
रक्त स्तंभक*
मुत्रल*
कुष्ठ**
कण्डु*
चक्षुष्य*
बल्य*
जीवनीय*
भेदन*
प्रयोज्या अंग:

मूल त्वक्, त्वक्, पत्र, पुष्प, फल, बीज।

योग (Formulations):

त्रिफला, आमलक्यादि चूर्ण, आमलक रसायन, आमलक घृत, आमलकावलेह, आमलकायस (ब्राह्म) रसायन, धात्री लौह आदि।

Dose:

चूर्ण= 3-6 ग्राम। स्वरस= 10-20 मिली। क्वाथ= 10-30 मिली; या चिकित्सक के परामर्शानुसार।

After reading this post, read Haritaki.

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