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धातु (Metal)

निरुक्ति:- “वलीपलितखालित्य कार्श्याबल्यजरामयान्। निवार्य दधते देहं नृणां तद्धातवो मताः।।” (आ. प्र. 3/2) अर्थात जिसके सेवन से शरीर में बली (झुर्रियां) पलित (बालों का सफेद होना), खालित्य (गंजापन), कृशता, निर्बलता, वृद्धावस्था और रोग नष्ट हो अथवा इन रोगों का नाश करके आरोग्यपूर्वक शरीर को धारण करें, उसे धातु कहते हैं। Nowadays , लौह एवं धातु दोनों […]

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Murdashankh (मुर्दाशंख) – Litharge: साधारण रस

नाम:- संस्कृत मृद्दारश्रृंगम् हिन्दी मुर्दाशंख English Litharge chemical name lead oxide chemical formula PbO पर्याय:- मृद्दारश्रृंगक, बोदारश्रृंग, मुर्दाशंख, मुद्राशंखक। इतिहासः- आठवीं शताब्दी के बाद के रसग्रन्थों में उसका उल्लेख मिलता है। प्राप्ति स्थान- राजस्थान में आबू पर्वतमाला, गुजरात, मध्यप्रदेश, झारखण्ड (बिहार) एवं विदेशों में वर्मा आदि देशों में मिलता है। परिचय:- combination of lead and […]

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Hingul ( हिंगुल ) – Cinnabar : साधारण रस

नाम:- संस्कृत हिंड्ंंगुल हिन्दी सिंगरफ English Cinnabar chemical name Red sulphidenof mercury chemical formula HgS पर्याय :- रक्त, म्लेच्छ, चित्राङ्ग, रञ्जन, हंसपाद, दरद। इतिहास:- कौटिल्य अर्थशास्त्र में हिंगुल का सर्वप्रथम उल्लेख मिलता है। परिचय:- Cinnabar स्वाभाविक और कृत्रिम दोनों रूपों में उपलब्ध होता है। प्राप्ति स्थान- स्पेन, इटली, फ्रांस, जर्मनी, चीन, जापान, रूस, अमेरिका तथा […]

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Giri Sindoor (गिरी सिन्दूर)- Red oxide of mercury : साधारण रस

नाम: – संस्कृत गिरिसिन्दूर हिन्दी गिरिसिन्दूर Chemical name Red oxide of mercury पर्याय:- सिन्दूर, गिरिसिन्दूर, महिलाभालभूषण, गणेशभूषण, माङ्गल्य, भालसौभाग्य, रक्तरेणु, नागगर्भ, नागज। इतिहास:- 8वीं शताब्दी के बाद के रसग्रन्थों में इसका उल्लेख मिलता है। प्राप्ति स्थान:- पर्वत से। परिचय:- बड़े बड़े पर्वतों के अंदर जो पारद शुष्क और रक्तवर्ण पदार्थ के स्वरूप में मिलता है, […]

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Murchna ( मुर्च्छना ) & Types of Ras Aushadhi

परिभाषा:- पारद में गन्धक के संयोग से अथवा गंध के बिना ही निश्चित रूप से व्याधिनाश की शक्ति उत्पन्न करने की प्रक्रिया को मूर्च्छना कहते है। ◆पारद में निश्चित रूप से व्याधिनाशक शक्ति का आधान करने को ही मूर्च्छना कहते है। Types of murchna:- 2 प्रकार से – १.सगन्ध मूर्च्छना २.निर्गन्ध मूर्च्छना ★सगन्ध मूर्च्छना 3 […]

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Agnijaar (अग्निजार ) – Ambergis : साधारण रस

नाम:- हिन्दी अम्बर संस्कृत अग्निजार English Ambergis पर्याय:- अग्निगर्भ, अग्निनिर्यास, अग्निज, वह्निजार, सिन्धुफला। परिचयः– अग्निजार स्पर्म वेल मछली की आंतों में स्रवित होने वाला मोम सदृश द्रव्य है। ●ताजा अम्बर दुर्गन्ध युक्त होता है, लेकिन सूखने पर सुगन्ध युक्त हो जाता है। ●यह अग्नि नामक मछली समुद्र में उद्भूत एक घास विशेष को खा जाती […]

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Kapard / कपर्द – Marine shell : साधारण रस

नाम:- हिन्दी कौड़ी संस्कृत कपर्द English cowries or marine shell पर्याय :- वराटक, वराट, वराटिका, वराटी,कपर्द, कपर्दी, चराचर , चर ,। परिचयः– वराटिका ‘मोलस्का’ (Moluska) जाति के समुद्री प्राणी का बाहरी एवं पृष्ठ भाग (कवच) है। ●इस कवच के अन्दर मोलस्का वर्ग का प्राणी पलता है। यह समुद्रों एवं बड़े जलाशयों में प्राप्त होता है। […]

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Navsadar (नवसादर) Ammonium Chloride : साधारण रस

नाम:- संस्कृत नवसदरः हिन्दी नौसादर English ammonium salt Chemical name:- Ammonium chloride (NH4 Cl) पर्याय:- नवसार, नवसादर, नृसार, चुल्लिका लवण,नरसादर, चूलिका लवण। परिचयः– ◆करीर और पीलू वृक्षों के काष्ठों को जलाने पर जो क्षार पाल होता है। अथवा ईंटों को जलाने पर जो पीला सा सफेद और हल्का लवण प्राप्त होता है। उसको नौसादर तथा […]

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Sankhiya (संखिया) – White Arsenic : साधारण रस

नाम:- संस्कृत गौरीपाषाण हिंदी संखिया English white arsenic or vitreous Botanical name Arsenious oxide Chemical formula:- As2 O3 Hardness:- 3-4 पर्याय:- शंखमूष,सम्बल,शंखविष,फेनाशम,मल्लक,सोमल,दारुमूषा। इतिहास:- सर्वप्रथम इसका उल्लेख सुश्रुत संहिता कल्पस्थान के अध्याय 1 में ‘फेनाश्म हरितालं च द्वे धातु विषे ‘ मिलता है। ●यह पारद के बन्धन आदि में उपयोगी होने से रसशास्त्र में साधारण वर्ग […]

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Kampilak (कम्पिल्लक) : Mallotus philippinensis

हिन्दी कबीला संस्कृत कम्पिल्लक लेटिन Mallotus philippinensis muell arg पर्याय:- कम्पिल्लक, रक्तचूर्णक, रेचन, कर्कश, रोचन, रक्ताङ्ग, चन्द्र। इतिहास- भारतीय चिकित्सा के प्राचीनतम ग्रन्थ चरक, सुश्रुत एवं अष्टांग हृदय आदि ग्रंथों में अनेक रोगों की चिकित्सा में प्रयोग करने का निर्देश है। रसशास्त्र के ग्रन्थों में साधारण रस वर्ग के अन्तर्गत वर्णन किया गया है इससे […]