आयुर्वेद में नेत्र रोगों की चिकित्सा के लिए सेक, आश्चोयत्न, पिणडी, विडालक, तर्पण, पुट पाक औेर अंजन का उल्लेख किया गया है। जिन के द्वारा विविध प्रकार के नेत्र रोगों का उपचार किया जाता है। 1.सेक: – अभिष्यंद आदि समस्त प्रकार के नेत्र रोगों में जिस विधि द्वारा सूक्ष्म धारा से सिंचन .किया जाता है,उसे […]
Category: Bhaishajya kalpana
●औषध एवं भैषज्य दोनों का प्रयोजन रोग को दूर करना है। इसलिए औषध एवं भेषज पर्यायवाची है। ●आचार्य चरक ने भेषज एवं औषध को पर्याय माना है। अर्थात 1.चिकित्सित 2. व्याधिहर 3.पथ्य 4. साधन 5. औषध। 6.प्रायश्चित 7. प्रशमन 8. प्रकृतिस्थापन और 9. हित ये 9 पर्याय भेषज के हैं। ■परन्तु आचार्य काश्यप ने औषध […]
मौलिक कलपना / पञ्चविध कषाय कलपना:- कल्पना Water to be added मात्रा उपयोग स्वरस कल्पना No water is added in आर्द्र द्रव्य शुष्क द्रव्य – 2× water added & soaked overnight If स्वरस immediately needed – add 8× water to powder & boil till 1/4th left ½ पल ( 24 gms) बलवान रोग एवं रोगी […]