Trick to learn Yonivyapad according to Charak:- अर्चणा को दोषों से दूर, महान कर्ण के समान पुत्र के लिए उधर वाम दिशा में रहने वाले रक्त षंड से दोनों प्रकार की (अत:, सूची मुख) लुता को अति शुष्क असृजा चराना है। अर्चणा – अचरणा दोषों – वातकी, पेत्तकी, कफजा, सन्निपात महान – महा योनि कर्ण […]
Category: Stree evam Prastuti Tantra
Hyperemesis Gravidarum (also known as HG) is a severe type of vomiting of pregnancy which has got deleterious effect on the health of mother and/or incapacitates her in day-to-day activities. Triad of adverse effects: > 5% loss of pre- pregnancy weight Dehydration Electrolyte imbalance Incidence: There has been a marked fall in the incidence during […]
As an Ayurvedic Student/ practitioner or Ayurveda lover, you might have heared a lot about च्यावन मंत्र (Chyavan Mantra) but you might haven’t found what exactly it is or how and when to use it. But after reading this post you will come to know all the details about च्यावन मंत्र (Chyavan Mantra). Hope you […]
Menstruation is the visible manifestation of Cyclic physiologic uterine bleeding due to shedding of the endometrium following invisible interplay of hormones mainly through hypothalamo-pituitary-ovarian axis. The first Menstruation (Menarche) occurs between 11-15 years and it ceases between the ages 45-50 when Menopause sets in. The Menstrual Cycle is divided in four phases– Menstruation / Menstrual […]
Definition of आर्तव :- “शशासृक्प्रतिमं यत्तु यद्वा लाक्षारसोपमम् । तदार्त्तवं प्रशंसन्ति यद् वासो न विरञजयेत् ।। ”( सु.स. शा 2/17) आर्तव वर्ण – शशक (खरगोश) के रक्त के समान या लाक्षा के समान रंग वाला। जिससे वस्त्र रंजित न हो, इस प्रकार का आर्तव प्रशस्त माना है अर्थात् शुद्ध माना जाता है। According to चरक […]
परिभाषा :- महीने-महीने में स्त्रियों के जो रज:स्राव होता है, उस समय वो स्त्रियाँ रज:स्वला कहलाती हैं। रज स्वला स्त्री को जिस प्रकार आहर विहार रखना चाहिए उसका विस्तार पूर्वक व्याख्यान हम इस चर्या में करेंगे। रज: स्वला स्त्री के करने योग्य एवम् त्याज्य कर्म आचार्य चरक द्वारा = रजोदर्शन के समय से लेकर तीन […]
(Measures indicated for Embryo & Pregnant lady) पुत्रेष्टियज्ञ का पूर्वकर्म (Measures to be Adopted for Procuring Male Child) आचार्य चरक के अनुसार यदि स्त्री यह अभिलाषा रखती हो कि उसका पुत्र विशालकाय, गौरवर्ण, सिंह जितना ताकतवर, ओजस्वी, पवित्रात्मा और अच्छे मन का हो तो – रजोधर्म के चौथे दिन शुद्ध स्नान के दिन से ही […]
Diagnosis of Pregnancy contains the signs and symptoms obtained during first, second and third trimester along with general examination and investigation.
Polycystic Ovarian Syndrome (PCOS) manifested by Amenorrhoea (absence of menstruation), Hirsutism (excessive growth of Androgen dependent sexual hair in facial and central part of body) and Obesity associated with enlarged polycystic ovaries. • This heterogeneous condition is characterised by excessive Androgen production by the ovaries mainly. • PCOS is a multifactorial and polygenic condition. ◾Diagnosis […]
AFTER READING MOD GARBH, READ POLYCYSTIC OVARIAN SYNDROME. मूढ़ के पर्याय :- मोहित, व्याकुल, भ्रान्त, विचलित, जड़ी भूत आदि। • गर्भ जब अपनी स्वाभाविक स्थिति, स्वाभाविक गति व स्वाभाविक अवस्था को त्यागकर सर्वथा विपरीत भावों को ग्रहण कर उद्विग्न व्याकुल का जड़ीभूत हो जाता है। • उसका स्वाभाविक प्रसव संशयात्मक हो जाता है व जटिल […]