◾बालक (अकारान्त पुल्लिंग)– सभी पुल्लिंग संंज्ञाओं के शब्दरूप (Shabdroop) इसी तरह बनेंगे। उदाहरण- राम, सुर, असुर, मानव, गज, क्षत्रिय, छात्र, शिष्य, विद्यालय, वृृक्ष, सूर्य, अश्व, आदि। विभक्ति एकवचन द्विवचन बहुवचन प्रथमा बालकः बालकौ बालकाः द्वितीया बालकम् बालकौ बालकान् तृतीया बालकेन बालकाभ्याम् बालकैः चतुर्थी बालकाय बालकाभ्याम् बालकेभ्यः पञ्चमी बालकात् बालकाभ्याम् बालकेभ्यः षष्ठी बालकस्य बालकयोः बालकानाम् सप्तमी […]
Category: Sanskrit
जब संधि करते समय विसर्ग के बाद स्वर या व्यंजन वर्ण के आने से जो विकार उत्पन्न होता है, हम उसे विसर्ग संधि (Visarg Sandhi) कहते हैं। Rules of Visarg Sandhi :- 1. सूत्र- अतोरोरप्लुतादप्लुते यदि विसर्ग से पहले व बाद में दोनों स्थानों पर हृस्व ‘अ’ आ जाए तो विसर्ग ‘ओ’ में परिवर्तित हो जाता […]
व्यंजन का व्यंजन के साथ या स्वर के साथ संधि होने पर जो परिवर्तन होता है, वह व्यंजन संधि (Vyanjan Sandhi) कहलाता है। 1. सूत्र – मोऽनुस्वारः अर्थ – पद के अन्त में म् से परे यदि कोई व्यंजन आ जाए तो म् को अनुस्वार (ं ) हो जाता है। उदाहरण – पुस्तकम् + पठति […]
संधि : निकट वर्ती दो वर्णों (स्वर अथवा व्यंजन) के मेल से उनमें जो विकार उत्पन्न होता है, वह संधि कहलाता है। When 2 Alphabets (be it vowel or consonants) of different words are added, the change that occurs is known as Sandhi. संधि की मुख्यतया तीन भेद होते हैं – स्वर संधि (Swar Sandhi) […]
अग्निः सोमो वायुः सत्त्वं रजस्तमः पञ्चेन्द्रियाणि भूतात्मेति प्राणाः ।। ३ ।। अग्नि, सोम, वायु, सत्व, रज, तम, पांच इन्द्रियाँ (ज्ञानेन्द्रियाँ) और भूतात्मा (जीवात्मा) ये प्राण हैं।यहां पर 12 प्राणों के बारे में बताया है । तस्य खल्वेवं प्रवृत्तस्य शुक्रशोणितस्या-(क्वचित् ‘शुक्रशोणितस्य’ पाठो न विद्यते) भिपच्यमानस्ययेव सन्तानिकाः सप्त त्वचा-(घट्ट त्वचा ‘पा.’) भवन्ति । तासां प्रथमा वभासिनी नाम, […]