Categories
Agad Tantra Syllabus

Scorpions | वृश्चिक विष : उत्पत्ति, काटने के लक्षण, चिकित्सा

आयुर्वेद अनुसार वृश्चिक विष (Scorpions) को कीट विष के अंतर्गत माना है। आचार्य सुश्रुत ने इसे पित्त दोष प्रकोपक कहा है। वृश्चिक की उत्पत्ति – “त्रिविधा वृश्चिकाः प्रोक्ता मन्दमध्यमहाविषाः ।।” (सु.क.8/५६) बिच्छू तीन प्रकार के कहे गए है- मन्द विष वृश्चिक मध्य विष वृश्चिक महा विष वृश्चिक “गोशकृत्कोथजा मन्दा मध्याः काष्ठेष्टिकोद्भवाः। सर्पकोथोद्भवास्तीक्ष्णा ये चान्ये विषसंभवाः […]

Categories
Agad Tantra Syllabus

Scorpion Sting : What to do, Signs and Symptoms, Treatment

Nomenclature:- Kingdom Animalia Phylum Arthropoda Class Arachnida Order Scorpiones Scorpion is a poisonous insect with a crab like body with 8 legs. It carries: a cephalothorax an abdomen and a 6 segmented tail which terminates in a bulbous enlargement called telson. The telson contains the stinger and venom apparatus. It has 2 claws which help […]

Categories
Ras Shastra Syllabus

Aqeeq | अकीक : Agate Gemstone – Benefits, Uses

Name:- हिन्दी अकीक English Agate Chemical Formula – SiO2 Hardness – 7 परिचय:- वर्ण – रक्त वर्ण का खनिज और दुग्धाभ, पीताभ , रक्ताभ कई वर्ण का मिलता है। 80-90% सिलिका प्राप्त होता है। रंगीन मूल्यवान पत्थर है। एक पत्थर में अनेक band रहते हैं। एक band से दूसरे band का वर्ण अलग रहता है […]

Categories
Ras Shastra Syllabus

Kousheyashma | कौशेयाशम : Asbestos – Ayurvedic Properties

Name:- संस्कृत कौशेयाशमाः हिन्दी कलनारु फ़ारसी संगेरेशम English Asbestos Chemical name Silicate of magnesium परिचय:- रक्तपीताभ श्वेतवर्ण का नरम पत्थर है। रेशम के तन्तुओं जैसा होता है। यह ताप का कुचालक (Heat resistant) है। Clothes of Fire Brigade’s workers are made up of Asbestos (Kousheyashma). कौशेयाशम भस्म:- कौशेयाशम (Kousheyashma) का सूक्ष्म चूर्ण➡ घृतकुमारी स्वरस की […]

Categories
Ras Shastra Syllabus

Naagpashan | नागपाषाण : Serpentine – Cure of many diseases

Name:- संस्कृत नागपाषाणः हिन्दी जहरमोहरा English Serpentine Relative Density= 2.5 – 2.8 Hardness= 2.5 – 4 Chemical Formula= H4Mg3 SiO2 परिचय:- हरा, पीला और श्वेत मिश्रित वर्ण का चमकीला मृदु पाषाण है। 2 – 4 इंच लम्बी चिपटी हल्की काली धार वाला चिकना पत्थर होता है। पानी में डुबोने पर सूंघने से मिट्टी जैसी खुशबू […]

Categories
Ras Shastra Syllabus

Badrasham | बदराशम : SiIicate of Lime – Unlocked Secret

Name:- संस्कृत बदराशम हिन्दी बेर पत्थर English Silicate of Lime पर्याय:- बदराशम पाषाणबेर बदरी पाषाण अश्मभिद् परिचय:- बदराशम (Badrasham) बड़े बेर की आकृति का खनिज पाषाण है। अण्डे जैसे लम्बगोल आकृति, 1 – 1 and 1/2 इंच लम्बा. मटमैले रंग का होता है और तोड़ने पर अदंर से श्वेत रंग का निकलता है। जल में […]

Categories
Ras Shastra Syllabus

Dugdhpashan | दुग्धपाषाण : Talc – Medicinal Uses

Name:- संस्कृत दुग्धपाषाणः हिन्दी संगजराहत English Softstone / Talc Chemical Name= Magnesium Silicate Chemical Formula= H2 Mg3 (SiO2)4, Mg3(OH2) Si4O10 Relative Density= 2.6 – 2.8 Hardness= 1 पर्याय:- दुग्धी दुग्धा क्षीरी क्षीरक्षव सौध दुग्धोपल दुग्धपाषाणिका वज्राभ परिचय:- 20 वीं शताब्दी में रसतरंगिणी और रसामृत में इसका उल्लेख मिलता है। स्पर्श में – स्निग्ध, दुग्धपाषाण (Dugdhpashan) […]

Categories
Astang Hridya Charak Samhita Panchkarma Sushrut Samhita Syllabus

Sansarjan and Tarpanaadi Kram | संसर्जन व तर्पणादि क्रम

वमन तथा विरेचन के पश्चात् संसर्जन क्रम अथवा तर्पणादि क्रम / Sansarjan and Tarpanaadi Kram (कोष्ठ व दोष का विचार कर) का पालन करना चाहिए। संशोधनास्त्रविस्त्रावस्नेहयोजनलङ्घनैः।। यात्यग्निर्मन्दतां तस्मात् क्रमं पेयादिमाचरेत् । (अ. हृ. सू. १८/४५) संशोधन, रक्तमोक्षण, स्नेहपान और लंघन इन कार्यों से अग्नि मंद हो जाती है, इसलिए पेया-विलेपी आदि के क्रम (Sansarjan and […]

Categories
Ras Shastra Syllabus

Khatika | खटिका : Chalk – Medicinal Properties

Name :- संस्कृत खटिकाः हिन्दी खड़िया मिट्टी English Chalk Hardness- 1 पर्याय :- खटिका खटिनी वर्णिका कठिनी कठिनिका लेखनमृतिका वर्णलेखिका परिचय :- रसरत्नसमुच्चयकार ने गंधक के एक भेद के रूप मेंं खटिका (Khatika) उल्लेेेख किया। श्वेतवर्ण की स्वाद रहित मृतिका है। यह जीभ पर चिपकती है। हाथ से स्पर्श करने पर हाथ पर लग जाता […]

Categories
Ras Shastra Syllabus

Kukkutanda Twak | कुक्कुटाण्डत्वक् : Hen’s egg shells – Uses

परिचय :- मुर्गी के अण्डे के छिलके को कुक्कुटाण्डत्वक् (Kukkutanda twak) कहते हैं। शोधन :- अण्डे के छिलकों को सिरका या नमक और नवसादर (1/8 भाग) मिश्रित जल में भिगोये ⬇ 4 – 5 दिन में कोमल होने पर अंदर की झिल्ली को निकालकर धो कर सुखाने पर शुद्ध हो जाता है। मारण :- शुद्ध […]