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Ras Shastra Syllabus

Hingul ( हिंगुल ) – Cinnabar : साधारण रस

नाम:-

संस्कृतहिंड्ंंगुल
हिन्दीसिंगरफ
EnglishCinnabar
chemical nameRed sulphidenof mercury
chemical formulaHgS

पर्याय :-

रक्त, म्लेच्छ, चित्राङ्ग, रञ्जन, हंसपाद, दरद।

इतिहास:-

कौटिल्य अर्थशास्त्र में हिंगुल का सर्वप्रथम उल्लेख मिलता है।

परिचय:-

Cinnabar स्वाभाविक और कृत्रिम दोनों रूपों में उपलब्ध होता है।

प्राप्ति स्थान-

स्पेन, इटली, फ्रांस, जर्मनी, चीन, जापान, रूस, अमेरिका तथा ईरान आदि देशों से मिलता है।

● यह भारत में नहीं मिलता है ।सम्प्रति कृत्रिम शिल सूरत एवं कलकत्ता आदि जगह बनाया जाता है।

कृत्रिम हिंगुल:-

  • पारद छ:भाग एवं गन्धक एक भाग लेकर एकत्र पीसकर लोहे के ढक्कनयुक्त बड़े पात्र में बन्द करके तीव्राग्नि पर पकाते है।
  • इस प्रकार सुन्दर रक्तवर्ण का यौगिक ऊर्ध्वपातित होकर ऊपर के ढक्कन पर जमा हुआ प्राप्त होता है।

हिङ्गु भेदः-

रसतरंगिणी कारआयुर्वेद प्रकाश एवं पुरन्दररहस्यरसरत्नसमुच्चय
1)खनिज1) चार : कृष्णवर्ण(1) शुकतुण्ड
(2) कृत्रिम(2) शुकतुण्ड : पीतवर्ण(2) हंसपाद
(3) हंसपाद : जपाकुसुमवर्ण

हिंगुल शोधन का प्रयोजन:-

  • शुद्ध हिंगुल का सेवन करने पर अन्धता
  • , क्षीणता,
  • क्लम,
  • भ्रम, मोह और प्रमेह विकारों को उत्पन्न करता है।
  • अत: शोधन के पश्चात् ही इसका औषधार्थ उपयोग करना चाहिए।

हिंगुल शोधन:-

(1) हिंगुल में भेड़ के दूध एवं नींबू स्वरस की सात-सात भावना देकर सुखाने पर शुद्ध हो जाता है।

हिंगुल के गुण :-

  • हिंगुल रस में तिक्त, कषाय, कटु होता है।
  • यह नेत्ररोगहर,
  • पित्तहर,
  • हल्लास,
  • कुष्ठ, ज्वर,
  • कामला, प्लीहा, आमवात एवं गरविषहर होता है।

हिंगुल मात्रा :-

125 mg (1 रती)

अनुपान

दालचीनी, इलायची, तेजपात आदि सुगन्धित द्रव्य।

हिंगुल सत्त्वपातन:-

हिंगुल का पातनायन्त्र विधि से अधःपातन करने पर पारद सदृश सत्व (पारद) नीचे के जलयुक्त पात्र में मिलता है।

हिंगुल के प्रमुख योग:

(1) हिंगुलेश्वर रस

(2) आनन्द भैरव रस

(3) कनकसुन्दर रस

(4) ज्वरमुरारि रस

(5) बसन्तमालती रस

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