Categories
Dravya Guna Syllabus Tricks

Ikshu vargha ( इक्षु वर्ग ) with Trick to Learn

इक्षु के भेद ट्रीक :-

पर्याय :- इक्षु, असिपत्र, गुढमल, मधचतृण, भूरिरस, दी्घच्छद
गुण :- रस मधुर, मधुर विपाक, स्निग्ध,गुरु, शीत वीर्य, रक्तपित्त शामक, बलकारक, वृष्य, कफकारक, मूत्रकारक

भेद :- 13

पांडव वंश के भीम ने शत वर्ष पहले नेपाल के नील कौशिक और मनोगुप्त के दीर्घ सूची पत्र में लिखे कांड को कंतार में टपका कर जला दिया।
  1. पांडव – पौड्रक
  2. वंश – वंशक
  3. भीम – भीरुक
  4. शत – शतपोरक
  5. नेपाल – नेपाल
  6. नील – नील पोर
  7. कौशिक – कोशकृत
  8. मनोगुप्त – मनोगुप्ता
  9. दीर्घ – दीर्घ पत्र
  10. सुचिपत्र – सुचिपत्रक
  11. कांड – कंडेक्षु
  12. कंतार – कंतार
  13. तपाकर – तापसेक्षु
भेद अनुसार गुण व उपयोग :-
पौण्ड्रक व भीरूकवात पित्त शामक, मधुर विपाक व रस, अत्यंत शीत, बृहण, बलकारक
कोशकारशीत, रक्तपित्त नाशक, क्षयनाशक
कांतारगुरू,वृष्य, कफकारक, सारक, बृंहण
वंशकअत्यंत कठिन, क्षारयुक्त, लम्बे पोरों वाले
शतपोरकअधिक पोरों वाली, उष्ण, क्षारयुक्त, वातनाशक
तापसेक्षुकोमल, मधुर रस, कफकारक, तृप्तिकारक, वृष्य, रूचिकारक, बलवर्धक
काण्डेक्षुवातकारक
सुचिपत्रक, नीलपोर, नैपाल व दीर्घपत्रकवात जनक, कफ – पित्त शामक, कषाय रस, वीदाही
मनोगुप्तावातनाशक, तृषा रोग नाशक, अति शीतल, अत्यंत मधुर, रक्तपित्त नाशक
कच्ची ईखकफकारक,मेदकारक, प्रमेह कारक
पक्की ईखरक्तपित्त नाशक,क्षतनाशक, वृष्य
अंग भेद से रस :-

जड़ – मधुर
मध्य – मधुर
आगे का हिस्सा व गाठे :- लवन

खाने की विधि के अनुसार गुण :-
  • दातो के द्वारा निकाला गया रस :- पित्त व रक्त विकार शामक, कफकारक, आविधाही।
  • मशीन से निकले गया रस :- गुरु, विदाही, विष्टमभजनक।
  • बासी रस :- अहितकर, अम्ल रस युक्त, वातनाशक, कफ पित्त कारक, शोष कारक, मलभेदक, अत्यंत मूत्रकारक।
  • पकाया हुआ ईख का रस :- रूक्ष,तीक्ष्ण अत्यंत, कफ वात नाशक,पित्त कारक, गुल्म व आफरा नाशक।
  • रस से बने हुए पदार्थ :- तृष्णा , दाह, मूर्च्छा, पित्त, रक्त विकार शामक, गुरु, मधुर रस युक्त, बलकारक, वातनाशक, सारक, वृष्य, मोह कारक, शीत , विष नाशक, धातु वर्धक।
ईख से बने पदार्थ के गुण :-
  • फाणित :- गुरु, बृहंण, कफकारक, वृष्य, वातपित्तनाशक, मूत्र वस्ति शोधक
  • मत्स्यण्डी :- मलभेदक, बलकारक, लघु, वातपित्तनाशक, मधुर रस युक्त, बृहंण, वृष्य, रस दोष नाशक
  • गुड :- वृष्य, गुरु, स्निग्ध, वातनाशक, मूत्र शोधक, थोडा पित्तनाशक, मेद, कृमि, कफ व बल कारक
  • पुराना गुड़ :- लघु, पथ्य, अभिष्यंधि, अग्निजनक, पित्तनाशक, वृष्य, वातनाशक, रक्त शोधक
  • नवीन गुड़ :- कफ , कास, श्वास, कृमि कारक, अग्नि वर्धक
  • खंड :- मधुर रस , वृष्य, नेत्र हितकर, शीत, वात पित्त नाशक, बलकराक, वमन शामक।
  • शकर :- अति मधुर, रूचिकारक,वात पित्त रक्त विकार शामक, अति शीतल, वृष्य, मूर्च्छा,वमन व ज्वर शामक
  • पुष्प सिता :- शीत, लघु, रक्तपित्त नाशक
  • मिश्री :- लघु, सारक, शीत, वातपित्तनाशक
गुड़ अनुपान भेद से :-

अदरक के साथ :- कफ नाशक
हरितकी के साथ :- पित्त नाशक
सोठ के साथ :- वात नाशक

Leave a Reply