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नवनीत | कर्म व गुण |
गाय | गाय का मक्खन हितकारी, वृत्ति, वर्ण को श्रेष्ठ करने वाला बलकारक, अग्नि प्रदीपक और यही वात, पित्त, रक्त विकार क्षय बवासीर लकवा और स्वाति को नष्ट करता है। यह बालक और वृद्धों के लिए हितकारी है। बच्चों के लिए तो अमृत समान है। |
भैंस | भैंस का मक्खन वात तथा कफ कारक भारी दाह पित्त तथा परिश्रम को दूर करता है। और मेद तथा वीर्यवर्धक है। दूध से निकाला हुआ मक्खन मधुर ,ग्राही , शीतल हल्का बुद्धि के लिये हितकर और मट्ठे का कुछ भाग रहने से कसैला तथा खट्टा हो जाता है। |
बकरी | मक्खन खारा चरपरा और खट्टा हो जाने से वमन, बवासीर, कुष्ठ को करने वाला होता है। और कफकारी, भारी तथा मेद की वृद्धि करनेवाला होता है। |
- विवरण :- मक्खन / नवनीत (Navneet) में वसा का अधिक भाग होता है, और बहुत थोड़ा भाग जल का होता है।
- दूध या दही का मंथन करके इसे निकालते हैं।
- जिस वस्तु में से यह निकलता है, उसमें उसकी ही तासीर रहती है।
- दूध का मक्खन उत्तम होता है।
- दही का न्यून गुण युक्त होता है। भैंस, गाय, बकरी भेद से ही गुण में अन्तर है।
- घी में भी यही बातें जाननी चाहियें। नवनीत में जीवनीय पदार्थ अधिक पाये जाते हैं।
- अतः बालकों के लिये अधिक उपयोगी है। शरीर की वृद्धि करने वाला है।