Categories
Dravya Guna Plants

Pippali ( पिप्पली ) – Piper longum Comparitive Review

Botanical Name :- Piper longum
Family Name :- Piperaceae
Verniculer Names :-

हिंदी :- पीपली, पीपर
उर्दू :- पिपल
उड़िया :- बैदेही
कोंकणी :- पीपली
कन्नड़ :- हिप्पली
गुजराती :- पीपर, पिपरिमूल
तेलुगु :- पिप्पलु
तमिल :- तिपिली, पिप्पाली,

Foreign Names :-

English :- Indian long pepper, Dried catkins
Arabian :- Darfulful, Dalfilfil
Roman :- Filfil daraz, Pipal daraz

Classical Mentions :-

वेद :- अथर्ववेद 6/109/12, 4/6/4
चरक संहिता :- दीपनीय, तृप्तिघ्न, हिक्कानिग्रहण, कासहर, शूलप्रशमन
सुश्रुत संहिता:- पिप्पल्यादि गण
भाव प्रकाश :- हरितयादी वर्ग ( 2 भेद )
कैदेव :- औषधि वर्ग
राज नीघंटू :- पिप्पपल्यादि वर्ग ( 4 भेद )
धन्वंतरि :- शत पुष्पादि वर्ग

हृदय दीपक निघंटु :– चतुष्पाद वर्ग (2 भेद)
मदनपाल :- शुंठयादि वर्ग
अर्क प्रकाश :- तृतीय शतक 4

Comparitive Review Name :-
Nameभाव प्रकाशDhanvantriमदनपालराज हृ. नि.कैदेववेद
पिप्पली*******
मागधी******
कृष्णा******
वैदेही*****
चपला******
कणा*****
उपकुल्या******
ऊष्णा**
शौण्डी****
कोला**
तीक्ष्णतण्डुला****
अतिविद्धभेषजी*
क्षिप्तभेषजी*
वातीकृतभेषजी*
श्यामाह्वा*
कुकरा*
कटुबीजा*
कोरङ्गी*
तिलतण्डुला*
श्यामा**
दंतफला*
मगधोट्भवा*
उषणा*
स्मृत्याह्ला*
भगषा*
विश्र्वा*
और जातिया :-
Nameराज 
सैंहली*
सर्पङ्गी*
ब्रहमाभूभिजा*
पार्वती*
शैलजा*
ताम्रा*
लम्ब बीजा*
उत्कटा*
अद्रिजा*
सिहंलस्था*
लम्भदंता*
जीवला*
जीवाली*
जीवनेत्रा*
कुरवी*
Nameराज 
वनपिप्पली*
अरण्यपिप्पली*
सूक्ष्मपिप्पली*
लघुपिप्पली*
क्षुद्रपिप्पली*
वनकण्या*
अरण्यकणा*
सुक्ष्मकणा*
क्षुद्रकणा*
External Morphology :-
pipali types

Overall :- Good smelling Creeper, Living alive for through many years
Bark/ Stem :- straight, good smelling, with joints, many branches, soft & solid without Hairs/ Raishe, contains glands, similar to Tagar plant, brownish in colour, white from inside can be seen after breaking
Branches :- brownish – mud coloured, soft, conned, creeps on ground.
Leaves :- Simple, Alternate single single leaves, 5-12 cm long, 3-6 cm Breath, similar to Paan/ Guduchi leaves, slippery, sharp ended, back side of leaves contain 5 veins, smaller the leaves as we go up the branch.
Flower :- unisexual, small, firstly greenish colour then yellowish in colour.
Fruit :- 2.5-3.8 cm length, 2.4 cm Breath, similar to unripped fruit of shahtooth but small in size, red coloured when ripend and browish colour when dried these are known as pipali in gernal talks.

**आज कल केवल 2 तरह की पीपली उपलब्ध होती है छोटी व बड़ी परंतु पहले 5 तरह की पीपली उपलब्ध थी ऐसा पढ़ने पर पता चलता है।

Chemical Composition :-

Overall :- oil, piperine, pippalertin, sisemin, pipalisterol
Oil :- piperine, sterol, sesamin, pippalertin, dihydrostigma – sterol, piparside, hydrocarbon, sexkyotpertin
Fruit :- volatile oil, resin, n- hexadekin, n- hetradekane, n- oktadiken, n- nonadane, P- methoxy- acetofenone, hydorxy oil, fenithile, alchol, glycoside, methyl, seskyotparnin
Bark :- methyl 3,4,5- tri – methoxynamate, sesamin

Gunn :-

लघु, स्निग्ध, कटु, तीक्ष्ण, किंचित उष्ण
Wet Pipali :- गुरु, मधुर, शीतल, कफ कारक, पित्त प्रशमन, मधुर विपाक
Dry Pipali :- पित्त कोपक, कफ वात शामक

केसे त्रिदोष नाशक है ???

तीक्षण + उष्ण – कफनाशक
शीत + मधुर – पित्तशामक
उष्ण + सारक + मधुर – वातशामक
( कै. नि. )

pipali dry
Comparitive Review Gunn :-
Gunnभाव प्रकाशDhanvantriमदनपालराज कैदेववेद
अनुउष्ण*
मधुर विपाक***
कटु***
स्निग्ध**
वातकफनाशक***
लघु**
शीत*
गुरू*
मधुर*
कफकारक**
उष्ण**
कटु तिक्त*
त्रिदोषशामक*
When Dried :-
Gunnमदनपालकैदेव
लघु*
कटु*
मधुर विपाक**
उष्ण**
कफ नाशक*
शीत*
गुरू*
Karm :-

सिर शूल :- पीपली को पानी में पीसकर लेप करने से लाभ।
सर्दी से होने वाला सिर दर्द :- पीपली का नस्य देने से लाभ।
रतौंधी :- पीपली का काजल बनाकर लगाने से लाभ
नेत्र रोग :- पीपली का खूब बारीक चूर्ण करके आंखो में अंजन लगाने से लाभ। पीपली को गो मूत्र में पीसकर अंजन करने से भी लाभ।
कर्ण शूल :- पीपली को निर्धूम अंगारे पर रखकर जो धूआ निकले उससे कर्ण धूप करे।
दांत हर्ष :- पीपली के समान मात्रा में मधु व घृत मिलकर लेप करने से लाभ।
दांत शूल :- पीपली के साथ संधव नमक, हल्दी, सरसो का तेल लगाने से लाभ।
हनु ग्रह :- पीपली के साथ अदरक को बार बार चभाकर ठूके और गर्म पानी पिए।
श्वास, कास, कफ रोग :- पीपली से दोगुना शहद मिलाकर सेवन
हिचकी :- पीपली के साथ सम मात्रा में शककर मिलाकर पानी के साथ सेवन
Colestrol :- पीपली के साथ मधु सुबह सेवन करने से लाभ
हृदय रोग :- पीपली चूर्ण के साथ बिजोरा नींबू की जड़ की छाल खाली पेट अर्जुन के क्वाथ के साथ सेवन।
जीर्ण अतिसार :- पीपली को पीसकर( 2 ग्राम ) दूध के साथ सेवन।
यकृत वृद्धि :- 2 ग्राम पीपली में 1 चमच शहद मिलाकर सुबह शाम सेवन से लाभ।
सुतिका रोग :- पीपली को घी के साथ छतवाए।
शीत पित्त :- पीपली का प्रयोग
शिवत्र :- पीपली का प्रयोग लाभ दायक

Comparitive Review Karm :-

Karmभाव प्रकाशDhanvantriमदनपालराज कैदेववेद
अग्निदीपक**
वृष्य***
रसायन*
रेचक**
श्र्वास****
कास****
उदर रोग****
ज्वर**
कुष्ठ**
प्रमेह***
गुल्म***
बवासीर***
प्लीहा***
शूल*
आम वात*
मेदा**
अजीर्ण*
अरूचि*
हृदय रोग**
पाण्डु रोग*
कृमि *
घाव*
उर: क्षत*
वात रोग**
उन्माद*
विषनाशक*
तृष्णा*
आम*
रसायन**
Part Used :- मूल, शुष्क काटे, फल
Dosage :- चूर्ण 500-1 gram

** आचार्य चरक ने पीपली के अधिक सेवन करने के लिए मना किया है ( चिरकाल तक ) ।