रक्तात्मकः पित्तसमान लिंग: स्पर्शासहत्वं शिरसो भवेञ्च ।।(सु.उ. 25/8) रक्तज शिरोरोग (Raktaja Shiroroga) में पित्तज शिरोरोग से समान लक्षण होते हैं, परन्तु स्पर्शासहत्वं लक्षण (अर्थात् सिर के स्पर्श का सहन न होना) होता है।
यह भेद आचार्य चरक को छोड़ कर, सभी आचार्यों ने माना है।
निदान/Etiology:-
कट्वम्ललवणक्षारमद्यक्रोधातपानलैः ।पित्तं शिरसि संदुष्टं शिरोरोगाय कल्पते ।। (च.सू.17/22)
कटु, अम्ल, लवण, क्षार, मद्य, क्रोध, आतप का अतिसेवन ➡️ रक्त पित्त दुष्टि ➡️ रक्तज शिरःशूल
लक्षण/ Symptoms:-
दह्यते रुज्यते तेन शिरः शीतं सुषूयते । देह्येते चक्षुषी तृष्णा भ्रमः स्वेदश्च जायते ।। (च.सू. 17 / 23)
- शिर में दाह व वेदना
- नेत्र में दाह, तृष्णा, भ्रम, अतिस्वेद
- शीतल वस्तु प्रलेप से लाभ
- आंख व नाक से धुआं निकलता हुआ लगना
- रात्रि में कुछ आराम होना
- ज्वर, स्वेद, मूर्च्छा
- मान्या व जठर पर लाल निशान होते है (हारीत संहिता- 40/8)
- मोह, श्वास, जड़ता, नासा से पीला व दुर्गंगित जल स्त्राव (हारीत संहिता- 40/9)
चिकित्सा/ Treatment:-
कर्त्तव्ये रक्तेऽप्येतत् ।। ( अ. हृदय )
पैतिक शिरोरोग समान चिकित्सा करनी चाहिए।
शीतोष्णयोश्च व्यत्यासो विशेषो रक्तमोक्षणम् ।। (भैषज्य रत्नावली – 65/16)
शीत व उष्ण की व्यत्यास चिकित्सा अर्थात् एक बार उष्ण व एक बार शीत चिकित्सा करनी चाहिए।
- विशेष तौर पर रक्त मोक्षण से आराम
- वायु अनुबंध होने पर नहीं करे
- स्नेहन पश्चात्
- वायु शांत न हो तो अग्निकर्म करें।
- घृतपान, दूधपान, नस्य, शीतल परिषेक, लेप, जीवनीय घृत
- पित्त नाशक अन्नपान
- चंदन, उक्षीर, मुलेठी, बला को दूध में पीसकर लेप
- घृत नस्य
- दूध, इक्षु, कांजी, मस्तु, शहद, शर्करा ➡️ जल से सेचन
- काकोल्यादिगण को दुध के साथ पीना/ लेपन/ नस्य
- आस्थापन बस्ति, विरेचन कर्म, स्नेह बस्ति
- बाद में मांस रस का सेवन
- ताज़े मख्खन का नस्य
- शिरो बस्ति प्रयोग
- शत धौत घृत को मस्तक पर धारण
- शिर को शीतल जल में डुबोना
- शीतल वायु सेवन
- शीतल भोजन, लेप, क्वाथ, जल सेचन
- शिर व मुख पर शीतल प्रलेप
- स्नेहिक धूमपान
- मुख व नाक से रक्त निकलता है ( हंसराज निदान )
- कृष्णदि लेप
- नगरादि नस्य
- निम्बादि गुग्गुलु
- कुष्ठादि घृत
Modern co-relation:-
Temporal Arthritis/ Giant cell Arthritis
- Rare chronic daily headache with constant, dull and usually bi-temporal pain with intense tenderness and thickening of temporal artery
- More in females
- Self limiting but may cause 50% loss of vision
- Pulseless temporal artery wall
- Low grade fever, pain in various joints, diplopia
- Vertigo, facial pain, tenderness of temporal area, ischemic attacks, myelopathy
- ESR >85mm/hr
- Presence of diseased and healthy patches along the course of temporal artery
Management:-
- Prednisolone 60-75mg later 10mg/week
- IV Heparin and Dextran in case of loss of vision