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Ras Shastra Syllabus

Rasak ( रसक ) : Zinc Ore – Maha ras

रसक (Rasak) के नाम:-

हिंदीखपरिया
संस्कृतरसक
EnglishZinc ore or Calamine

Chemical formula:- Zn Co3

पर्याय :-

रसक, रीतिकृत, ताम्ररंजक, नेत्ररोगरि, खर्पर।

Types:-

On the basis of रसार्णव:-

  1. मृतिकाकार
  2. गुडाभ
  3. पाषाणाभ

On the basis of रसरत्नसमुच्चय:-

  1. दर्दुर : दलयुक्त
  2. करवेल्लक : दल रहित
Rasak
Rasak

उपयोग :-
  • यशद धातु प्राप्ति क लिए
  • औषधि रूप में खाने के लिए।
रसक शोधन आवश्यकता :-

मुख द्वारा सेवन करने पर वमन एवं भ्रम उत्पन्न होने के कारण शोधन करके भस्म का निर्माण करें।

शोधन :

रसक ( Rasak) को प्रतप्त करके बिजौरा निम्बू स्वरस की 7 बार भावना देने पर शुद्ध हो जाता है

मारण :-

शुध्द पारद (Parad) और शुध्द रसक (Rasak) समभाग में लेकर अच्छी तरह मर्दन करके बालुका यन्त्र विधि से एक दिन पाक करने पर रक्तवर्ण की भस्म बन जाती है।

सत्वपातन :-

अभया, शिलाजतु, केंचुआ, हल्दी, ग्रहधूम्, टंकण। इन सभी को लेकर घोटकर अन्धमुशा में रखकर धमन करने पर रसक (Rasak) का सत्व प्राप्त हो जाता है।

गुण :-

कफपित्तनाशक, नेत्ररोगनाशक, क्षयनाशक, ज्वर विषम ज्वर, कास, श्वास, हिक्का रोगों को नष्ट करता है।

भस्म सेवनजन्य विकार शमनोपाय :

एक सप्ताह तक गोमूत्र पीना चाइए।

योग :-
  1. लक्ष्मीविलास रस
  2. बसन्त मालती रस
  3. प्रदरान्तक रस

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