शब्द उत्पत्ति – वि + रिच् + णिच् + ल्युट् । ‘विरेचन’ (Virechan) का अर्थ है – मलादि को निष्कासित करना। आचार्य चरकानुसार :- तत्र दोषहरणमूर्च्व भागं वमन संज्ञकम, अधोभाग विरेचन संज्ञक; उभयं वा शरीरमलविरेचनाद्विरेचन संज्ञा लभते।। (च॰ क॰ अ॰ १/४) What is Virechan ? अधोमाग (गुदा) से दोष-हरण की क्रिया को विरेचन (Virechan) संज्ञा […]
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निदान :- अधिक जल पी लेना विषम भोजन करना संयोग विरूद्ध भोजन करना अधारणीय वेगाे को धारण करना निद्रा सही से न लेना दिन में सोना व रात्रि में जागना इर्षा, भय, क्रोध, लोभ, रोग, दीनता से पीड़ित भेद :- दोष भेद आचार्य माधव निदान आम अजीर्ण कफ सुश्रुत + विदग्धाजीर्ण पित्त सुश्रुत + विष्टब्धाजीर्ण […]
Gomukhasan *स्थिति= दण्डासन विधि :- दण्डासन की स्थिति में बैठे। बाएँ पैर को घुटने से मोड़कर दाहिने पैर के नीचे लाकर दाहिने नितम्ब के पास स्थिर रखें। इसी प्रकार दाहिने पैर को मोड़कर बाएँ पैर के ऊपर रखें। बाएँ घुटने के ऊपर दाहिना घुटना और दाहिने पैर की एड़ी दाहिने नितम्ब की अस्थि सन्धि के […]
Introduction of General Anaesthesia General Anaesthetics (GAs) are drugs which produce reversible loss of all sensation and consciousness. Cardinal Features Loss of all sensation,especially pain Sleep (unconsciousness) Immobility and muscle relaxation Abolition of somatic and autonomic reflexes In the modern practice combination of inhaled and i.v. drugs is used. Mode of Administration Drugs given to […]