शब्द उत्पत्ति – वि + रिच् + णिच् + ल्युट् । ‘विरेचन’ (Virechan) का अर्थ है – मलादि को निष्कासित करना। आचार्य चरकानुसार :- तत्र दोषहरणमूर्च्व भागं वमन संज्ञकम, अधोभाग विरेचन संज्ञक; उभयं वा शरीरमलविरेचनाद्विरेचन संज्ञा लभते।। (च॰ क॰ अ॰ १/४) What is Virechan ? अधोमाग (गुदा) से दोष-हरण की क्रिया को विरेचन (Virechan) संज्ञा […]
Tag: In ayurveda
आयुर्वेद में न ही केवल ‘दर्शन’ शास्त्रों से प्रभावित हुआ है अपितु वह खुद भी एक मौलिक आस्तिक दर्शन भी है। आचार्य चरक ने इसी को प्रतिपादित भी किया है और कहा है कि आयुर्वेद का ज्ञान उसे ही देना चाहिए जिसकी ईश्वर में आस्था हो, उसके साथ साथ में आयुर्वेद को अथर्व वेद का […]