उपरत्न वर्ग के पाषाणों में – रत्न की अपेक्षा काठिन्य, चमक और पारदर्शकता कम होती है। इसलिए इन्हें उपरत्न (Upratn) कहा जाता है। मूल्य भी कम होता है। संख्या :- आनन्दकन्दकार 9 उपरत्न माने आयुर्वेदप्रकाश 15 बृहद् योगतरंगिणीकार 4 रसतरंगिणीकार 6 प्रचलित परम्परा अनुसार रसतरंगिणीकार का मत अधिक प्रचलित है- वैक्रान्त सूर्यकान्त चन्द्रकान्त राजावर्त पैरोजक […]
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AFTER READING SHODHAN OF VARIOUS AYURVEDIC DRAVYA , READ VAIKRANT. क्षीराज्ये गन्धकं शुद्धयेत्तालं कूष्माण्डजैवैः।आरनालेन तुत्थं तु जम्बीराम्ले मनश्शिला॥मयूरतुत्थं लुङ्गाम्ले गोमूत्रेण विषं हरेत्।दन्तिबीजानि पयसा कुलुत्थेन तु माक्षिकम्॥अजामूत्रेण वैक्रान्तं टङ्कणं काञ्जिकेन तु।जम्बीराम्लेन धुत्तुरं दरदं तेन शुद्ध्यति।।तीक्ष्णं गोमूत्रकैः शुध्येन्मुण्डकं त्रिफलारसैः।कृष्णेऽरिमेदोजम्बूत्वग्रसैर्धात्रीफलस्य च॥आतपे शोषयित्वा चाप्ययो वारितरं भवेत्।गैरिकं तु गवां दुग्धे भावितं शुद्धमुच्यते।अञ्जनानि विशुद्धयन्ति भृङ्गस्वरससेचनात्॥नरमूत्रे चाखुविषं पचेदोलाख्ययन्त्रके।याममात्रं विशोष्याथ गोक्षारे भावितं शुचिः॥गोरीपाषाणकं […]
AFTER READING VAIKRANT, READ PARAD. नाम :- संस्कृत =वैक्रान्त हिंदी =वैक्रान्त English =Tourmaline ●विशिष्ट गुरुत्व = 3-3.2 ●काठिन्य = 7-7.5 Chemical formula = K2OAl2O3. 6SiO2 Synonyms / पर्याय :- वैक्रान्त, विक्रांत, जीर्णवज्रक, कुवज्रक, क्षुद्रकुलिश एवं चूर्णवज्र। इतिहास :- सर्वप्रथम कौटिल्य अर्थशास्त्र में वैकृंतक धातु के नाम से इसका उल्लेख मिलता है। कौटिल्य अर्थशास्त्र के 33 […]
MAHA RAS SANKHYA MEH 8 HOTE HAI ACCORDING TO SYLLABUS PAR ALAG ALAG ACHARYO NE ALAG ALAG BATAYE H. अभी वैक्रान्त ने अमल शिलाजीत के रस में पड़ी तुच्छ मक्षिक को चपल से रोंढा। अभी – अभ्रक वैक्रान्त – वैक्रान्त अमल – विमल शिलाजीत – शिलाजीत रस – रसक तुच्छ – तुत्थ माक्षिक – माक्षिक […]