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Tobacco ( तंबाकू ) : Nicotiana tabacum – Comparative review

Botanical name :- Nicotiana tabacum

Family name :- Solanaceae

Vernicular Names :-

संस्कृत– ताम्रपर्ण, गुच्छफल, क्षारपत्रा, ताम्रकूट, धूम्रपत्र, गधापत्रा
हिन्दी– तंबाकू, तमाकू
कन्नड़– हो गिसेप्पे
गुजराती– तमाकु, तम्बाकू
तेलुगु– धूम्रपत्रामू , पोगकु
तमिल– पुगैलई
बंगाली– तमकु, तम्बाकू
नेपाली– तम्बाकु
मराठी– तमाकु, तम्बाकू
मलयालम– पोकल

Foreign Names :-

अंग्रेज़ी– Common tobacco, Virginian tobacco
अरबी– Bujirbhang,Yuli
फारसी– Behari Bhang, Tambaku

Classic Mentions :-

राज निघंटु :- पर्पटादि वर्ग
शालिग्राम निघंटु :- परिशिष्ट भाग

Comparative Review Names :-

नामराजशालि ग्राम
धूम्रपन्ना+
धूमाह्वा+
सुलभा+
स्वयमृभुवा+
गृघ्रपन्ना+
गृघ्रारगि+
क्रिमिह्नी+
स्त्रीमलापहा+
तमाखू+

External Morphology :-

Tobacco flowers
  1. Tobacco is 1-3 m tall, glandular, hairy, annual herb.
  2. Stem is straight, sparsely branched, rounded.
  3. The leaves are simple, large elliptical, rectangular about 12–30 cm long, pubescent, thick, rough.
  4. Flowers are white-pink or blood- coloured, 4-5 cm long, in bunches.
  5. Pod (फली) is 1.5-2 cm long, curved and narrow.
  6. Seeds are 1.5 mm long, plentiful, brown in color, prickly, rounded, broad and elliptical.

Chemical Constituents :-

Seed Oil :– Camppesterol, stigmasterol, citosterol, B-amyrin and lupiol are found.
Leaves :- nicotine, anabacyn, 1-nicotine, nicotirin, nicotinine, d-nicotine, piperidine, nicotine, necotylene myosamine, ergosterol, B-citrol. And stegemastrol are found.

History :-

Tobacco plant is native to the US, Cuban country. In 1492, Columbus brought it to Europe, then a few years later it was named Tobacco in the name of the province of the country of Tabaca (Tabaca). A scientist named Jean Niocot, a Frenchman, discovered its major element of depression, so that toxic element was nicotine or nicotiana. Thus, it is named full Latin.

It was first introduced in South India. In Akbar’s time, it began around the 16th century. Now, what in India itself, it has been widely publicized in the whole world.

But above theory doesn’t prove completely right from my point of view becoz it’s mentioned in classical texts like Raj Nighantu, Shaligram nighantu which range older then it.

Ras Panchak :-

रस :- कटु, तिक्त
गुण :- लघु, तीक्ष्ण, व्यवासी, विकासी
विपाक:- कटु
वीर्य :- उष्ण
दोष कर्म :- कफ वात शामक, पित्त वर्धक

Comparative Review Gunn :-

गुणराजशालि ग्राम
तिक्त+
उष्ण++
कटु+
कफ वात शामक+
पित्त वर्धक+

Upyog :-

Tobacco health Benefits

गल ग्रन्थि :- पीसकर लेप करने से गले की ग्रंथियों का शमन होता है।
दंत शूल :- भस्म के साथ मंजन से लाभ
मसूड़ों के रोग :– पत्रों को पीसकर लगाने से लाभ
मूत्रावरोध :– पत्र से स्वेद करने पर लाभ
वृषण
शोथ :– पत्र पीसकर लेप से लाभ
अंड कोष पीड़ा :- पत्र पीसकर लेप से लाभ
धनु स्तम्भ :- रीढ़ पर पीस कर लेप करने से लाभ होता है
जोड़ो का दर्द :
– पानी में पीसकर लेप करने से लाभ
मोच :- पत्रों का तैल लगाने से लाभ
त्वचा विकार :– भस्म का लेप करने से लाभ
जलॉका व कुचले विष :– जल में पीसकर लेप

Comparative Review Karm :-

कर्मराजशालि ग्राम
शोथ नाशक++
कृमि नाशक++
कास नाशक++
रुचि कारक++
अग्नि वर्धक+
वस्ति शोधक+
भ्रम कारक+
दृष्टि मंद कारक+
वमन कारक+
श्वास नाशक+
कोष्ठ शुद्धि कारक+
दंत शूल नाशक+
शुक्र रोग+
जोलोका दृष्ट+
विर्श्चिक विष शोथ+

प्रहारितोऽपि मार्जारस्तमाखुं नैव युञ्जति।

बहुधा बोधितो मूर्खस्तमाखुं नैव मुञ्जति।।

लगुडप्रहार करने पर भी जैसे बिलाव चूहे को नहीं छोड़ता, वैसे बहुत कुछ उपदेश करने पर भी मूर्ख तंबकु को नहीं छोड़ता।

न स्वादु नौषधमिंध न च वा सुगंधि नाक्षिप्रियं किमपि शुष्कतमाखुचूर्णम्।

किं चाक्षिप्रियं च तदस्य भोगे बीजं तृणां नहि व्यसनं विनाऽन्यत्।।

तंबाकू की सुखी बुकनी स्वादु नहीं, औषधि नहीं, सुगंधि नहीं, नेत्रों के लिए आकर्षक नहीं, प्रतयुक्त नेत्रों को कष्ट देने वाली है, फिर उसके सेवन में व्यसन के बिना अन्य कोई मूल नहीं हो सकत।

Prayogya Ang and Matra :-

पत्र, तैल
मात्रा :- 5-10 हिम व फांट

हानिकारक प्रभाव :-

अधिक मात्रा में उपयोग से यकृत व Plasma को निर्बल करता है।

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