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Bhaishajya kalpana Syllabus

Treatment related to Eyes (नेत्रोपचारार्थ कल्पना)

आयुर्वेद में नेत्र रोगों की चिकित्सा के लिए सेक, आश्चोयत्न, पिणडी, विडालक, तर्पण, पुट पाक औेर अंजन का उल्लेख किया गया है। जिन के द्वारा विविध प्रकार के नेत्र रोगों का उपचार किया जाता है।

1.सेक:

अभिष्यंद आदि समस्त प्रकार के नेत्र रोगों में
जिस विधि द्वारा सूक्ष्म धारा से सिंचन .किया जाता है,उसे सेक कहते है।

Types :-

●वातज नेत्र रोगों — स्नेहन

●पिक्तज और रकतज –रोपण

●कफज नेत्र रोगों -लेखन

मात्रा:-

  • वातज– स्नेह द्रव का 600 की गिनती (6मिनट)
  • पित्तज&रक्तज -400 की गिनती-रोपण
  • कफज नेत्र रोगों (3min)- लेखन

प्रयोग :-

आचार्य सुश्रुत के अनुसार-

कफज नेत्र रोगों – प्रातःकाल

वातज→ सायकाल

पित्तज & रक्तज नेत्र रोगों – मध्याह्न काल

नेत्रशूल नाशक सेक:-

किसी भी प्रकार की वेेदना को दूर करने के लिए शवेत लोध्र को गोघृत में भ्रष्ट करके चूर्ण का निर्माण किया जाता है ।
फिर उसे उष्ण जल में भिगोकर भली भांति मथकर कपडे से छान लिया जाता है।

2.आश्च्योतन:-

नेत्रों में द्रवऔषध को बून्द के रूप में डालने को अश्चयोतन कहते है।

भेद

a)लेखन 7-8drops

b)स्नेहन 10drops

C)रोपण 12drops

★अश्चयोतं शीत काल में उष्ण & उष्ण काल में शीतल द्रव ।

वातज नेत्र रोगों में- तिक्त,स्निग्ध

कफज नेेत्र रोगो में-तिक्त,उष्ण एवं रूक्ष द्रव्यों को।

पित्तज नेत्र -मधुर,शीतल

वातज आश्च्योतन
-बिल्व, गंभारी, बृहती, श्योनाक, अग्निमंंथ सहजन क्वाथ

बनाकर गुनगुना कर आँख मे डालने पर वातभिष्यन्द रोग नष्ट करता है।

पितज आश्च्योतन

●निम्ब पत्रों को जल पीसकर लोख्घ्र की छाल पर
लेकर अग्नि में तपा कर पीसकर रस को निकलने के
बंद आँख में डालने से वातज , पित््ज् एवं रक्तज
अभिष्यन्द्दोंं को दूूूर करता है।

त्रिफला आशच्योतन :-

सभी प्रकार के अभिष्यंदों को त्रिफला का आश्वेतन क्वाथ नष्ट करता हैै।

आश्च्योतन काल :- त्रिविध आश्च्योतन को -100मात्रा (1min).

प्रयोग :-

वेदना , तोद, कण्डु , हर्ष, अश्रु, दाह आदि को दूर करने के लिए आश्च्योतन का प्रयोग करना चाहिए ।

★रात्रि के समय में प्रयोग निषेध ।

3)पिण्डी:

औषधि के सूक्ष्म चूर्ण से कल्क का निर्माण करके स्वच्छ कपड़े में पोटृली बनाकर नेत्राभिष्यन्द और नेत्र व्रणों में आखो पर बांधने को पिंडी कहते हैं।

वातज अभिष्यन्द में — स्निग्ध &उष्ण द्रव्यों एरंड पत्र,मूल त्वक् से निर्मित।

पित्ज – आंवलोंं की पिण्डी।
कफज – → शिग्रुु पत्रोंं की पिण्ड्डी का प्रयोग।

4)विडालक :

नेत्र पक्ष्मों को छोड़कर नेत्र के दोनों पलकों
के ऊपर औषधियों को पीसकर पिष्टि का (कलक) बाह्य लेप किया जाता है। इसे विडाल्क कहते हैं|

5)तर्पण:–

रोगी व्यक्ति के शरीर को वमन, विरेचन द्वारा, शुद्ध करके शिरोविरेन्चन से शिर का शोधन करें।

इसके पश्चात भोजन के पच जाने के बाद शुभ दिन
में पूर्वाहन चा अपराहन काल में नेत्रों का तर्पण करना चाहिए।

तर्पण काल:-

वातज रोगों में = 1 day

पित्तज रोगों में=3day

कफज रोगों में =5 day तक नेत्र तर्पण करना चाहिए।

6)पुटपाक:-

तर्पण कर्म के समान ही इसमें भी नेत्रों के चारों तरफ उड़द की पिष्टी का आलबाल बनाकर विधि से प्राप्त मांस रस या औषदि स्वरस को पक्ष्म से अग्रभाग तक भर दिया जाता है।

After some time,छिद्र करके द्रव्य को बाहर निकालकर उष्ण जल में भीगे कपड़े को निचोड़कर नेत्र का स्वेदन& धूमपान कराया जाता है।

types:–

स्नेहन =200 मात्रा तक धारण

लेखन=100 मात्रा तक

रोपण =300 मात्रा

पुटपाक का प्रयोग

अतिरुक्ष नेत्र मे -स्नेहन

अतिस्निग्ध में -लेखन

पित्तज और रक्तजव्रणोंमें – रोपण पुटपाक

रक्तज &पित्तज रोगों में– शीत पुटपाक स्वरस

वातज &कफज रोगों में -उष्ण पुटपाक स्वरस।

7)अंजन :- अंगुली या शलाका द्वारा आँखों में औषध लगाने को अंजन कहते है।

Types:–

On the basis of kalpna –

गुटिका, रास्क्रिया, चूर्ण

On the basis of कर्म :-

१.लेखन

२.रोपण

३.स्नेहन

नेत्र कल्पना :-

नेत्रों में औषधों का प्रयोग बूँद(drops),ointments(मलहम),lotions अदि के रूप में किया जाता है। such as —

●eye ointments

●drops

●lotions

●contact lens solution

●eye suspensions

●opthlamic insert

Eye drops::–

नेत्रों में प्रयुक्त की जाने वाली sterile aqueous or oily solutions or suspensions है।

Most commonly ,इनमे antiseptic, anaesthetic, antiinflammatory, mydratic वाले द्रव्य होते है।

■Eye drops को sterile,usually isotonic,buffered होना चाइए और foreign particle से मुक्त होना चाइए।जिससे नेत्रों में irritation नही हो।

■Aqueous eye drops bacterial and fungal growth में सहायक होता है, इसलिए इनमें उपयुक्त संरक्षक द्रव्य मिलाना आवश्यक होता है जिसके लिए- like

●Phenyl mercuric nitrate or acetate o.002%;
●Benzalkonium chloride 0.01%
Chlorhexidine acetat 0.01% प्रयोग हों ना चाहिए ।

●Eye drops को glass ,plastic contain er में packing करनी चाहिए।

●Eye drops container को open करने के बाद 15 दिन के भीतर प्रयोग कर लेना चाहिए।

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