UPRATAN (उपरत्न) SANKHYA MEH 8 HOTE HAI!
वक्रांत ने सूर्य व चन्द्रमा राजा के पैरो को तृण से साफ किया।
वक्रांत – वक्रांत
सूर्य – सूर्यकांत
व – व्योमाश्म
चन्द्रमा – चंद्रकांत
राजा – राजावर्त
पैरों – पैरोजक
तृण – तृणकात
साफ – स्फटिक
उपरत्न | English names | पर्याय | शोधन | मारण | मात्रा | गुण | उपयोग |
वक्रांत | Tourmaline | जीर्णवजक,कुवज्क,क्षुद्रकुलिश,चूर्णवज् | कुलत्थ क्वाथ दौला यंत्र 1 प्रहर | शुद्ध गंधक + नींबू स्वरस फिर 8 गज पुट | 1/24-1/12 रती | षड् रस युक्त , त्रिदोष शामक | वृष्य,विष्शामक,बुद्धिवर्धक,उदररोग,प्रमेह,क्षय,कुष्ठ,हिरकभासम के समान उपयोग, वर्णय,श्वास |
सूर्यकांत | Sun stone | सूर्यमणि,सूर्योपल,तपन,अग्निगर्भ | नहीं होता | शुद्ध गंधक + शुद्ध मन: शिला 7 पुट | ¼-1 रती | उष्ण,वातकफहर | रसायन, मेधय,कुष्ठ, सूर्य प्रसन कारक |
चंद्रकांत | Moon stone | चन्द्रमणि,चन्द्रोपल,शशिकान्त,इन्दुकान्त,शीतात्मा | नहीं होता | शुद्ध हींगुल + शुद्ध मन: शिला + कुमारी स्वरस 1 पुट | ½-1 रती | शीत, स्निग्ध, पितनाशक | रक्तपित्त शामक,दाह,दर्ड्रता नाशक, चन्द्र बाधा |
राजावर्त | Ultra marine/lapis lazuli | नृपावर्त,नीलाश्म,आवर्त, नृपोपल | गोमूत्र + यव क्षार + नींबू रस दौला यंत्र 1 प्रहर | राजावर्त के समान | ½-1 रती | कटु तीकत, शीत,स्निग्ध,कफपित शामक | प्रमेह,पांडु रोग,क्षय,शोष,मदस्त्या,वमन |
पैरोजक | – | पेरोजक,हरिताश्म,हरिमणि | राजावर्त के समान | राजावर्त के समान | ½-1 रती | मधुर कषाय,शीत,सर | उदर शूल, सभी विष का नाशक |
स्फटिक | Rock crystal | स्फटिक,शिवप्रिय,स्वच्मणि,स्फटिकोपल | राजावर्त के समान | गुलाब जल + अर्जुन क्वाथ/कुमारी स्वरस 10-12 गज पुट | 2-4 रती | मधुर,शीत,मधुर वीपाक, पितशमक | रक्तपित्त,दाह, ज्वर |
व्योमाश्म | Jade | यशबशिला,भीम पाषाण,हरिन्मणि,हरिताश्म | अर्जुन कावाथ/ गुलाब जल 21 बार निर्वापन | नहीं होता | 2-4 रती | – | High bp,no sleepiness, अशमरी,मूत्रदाह,हृद्या दौर्बल्यता |
तृणकान्त | Amber | तृणकान्त मणि,तृणग्राहि | नहीं होता | 1-2 ग्राम | रूक्ष,श्लक्ष्ण,शीत,पितशामक | रक्तातीसर, उर: क्षत,रक्तार्श,रक्तप्रदर,हृदय रोग,गर्भ स्त्राव आकांक्षा नाशक |
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