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Agad Tantra Syllabus

Battered Baby Syndrome (Caffey Syndrome)

Battered baby- syndrome, its causes, diagnosis and Medicolegal aspect along with case study and movies dealing with battered baby

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Ras Shastra

Hartaal (हरताल)- Orpiment : Up ras Varg

नाम:- संस्कृत हरितालम् हिंदी हरताल English Orpiment or yellow arsenic Chemical formula:- As2S3 (arsenic trisulphide) काठिन्य:- 1.5-2 विशिष्ट गुरुत्व:- 3.4- 3.5 पर्याय:- हरिताल, ताल , नटभूषण, विडालक , मल्लगन्धज, वङ्गारि, विरल, गोदन्त। प्राप्ति स्थान:- हरताल प्रायः विदेशों से ही भारत में आता है। इटली ईरान हरताल के प्रमुख उत्पादक देश है सम्प्रति कृत्रिम हरताल का […]

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Ras Shastra

Sfatika (स्फटिका / फिटकरी) – Potash alum : उपरस वर्ग

नाम:- संस्कृत स्फटिका हिंदी फिटकरी English Potash alum Chemical formula:- K2 SO4 Al(SO4)3 24H2O काठिन्य:- 3.5- 4 विशिष्ट गुरुत्व:- 2.6 पर्याय :- तुवरी, सुराष्ट्रजा, सौराष्ट्री, सौराष्ट्रमृत्तिका, स्फटिकारि, स्फुटी, स्फटिका, स्फुटिकारिका, स्फुटिका, फटिका, शुभ्रा, कांक्षी। उतपत्ति:– एक विशेष प्रकार की मिट्टी जो सौराष्ट्र देश के प त्थरों से पैदा होती है , उसे तुवरी कहा जाता […]

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Ras Shastra

Kasis (कासीस)- Ferrous Sulphate : UpRas Vargha

नाम:- संस्कृत कासीसम् हिन्दी कासीस English Ferrous sulphate chemical formula:- FeSO4 5H2O काठिन्य :- 2 Shape:- crystalline colour :वर्ण- हरितवर्ण पर्याय:- कासीस, पुष्पकासीस, काशीशक, पांशुक। इतिहास: (history-) in ancient times used as an ink . Habitat:– पंजाब, जर्मनी, स्पेन, झारखण्ड । भेद (types) :- रसतरंगिणीकार रसार्णवकार आनन्दकन्दकार रसरत्नसमुच्चय आयुर्वेदप्रकाशकार १.)चूर्णकासीस:शवेत ईषत्पीतवर्ण १)शुक्ल १)पीत १) बालुकासीस […]

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Kumar Bhritya

Boosting Immunity of Infants ( Lehan karm / लेहन कर्म )

जैसे कि आधुनिक चिकित्सा की वैक्सिनेशन का विधान है उसी प्रकार आयुर्वेद में लेहन कर्म (Lehan karm) के अन्तर्गत आता है। आधुनिक व आयुर्वेद में केवल सिद्धांत का अंतर है आधुनिक जीवाणु को मानते है इसलिए वैक्सिनेशन के लिए वो मृत या फिर कमजोर जीवाणु को शरीर में डाले जाते है और इससे शरीर में […]

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Ras Shastra

Gairik ( गैरिक ): Ochre – Up ras Varg (Fe2 O3)

नाम:- संस्कृत गैरिक हिंदी गेरू English Ochre or haematite Chemical formula:- Fe2O3 विशिष्ट गुरुत्व:- 4.5-5 पर्याय:- गैरिक, गैरय, रक्तधातु, लौहधातु, गिरि मृतिका। Types:- रसरत्नसमुच्चय रसार्णव आयुर्वेदप्रकाशकर १.पाषाण गैरिक : कठिन: ताम्रवर्ण १.रक्त १.स्वर्ण गैरिक २.सुवर्ण गैरिक: स्निग्ध: रक्तवर्ण २.हेम २.सामान्य गैरिक ३.केवल ३.पाषाण गैरिक habitat:– All over India , Bengal, Punjab, madhyapradesh , Rajasthan गैरिक […]

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Kumar Bhritya

Ayurvedic Infant Diagnosis ( बच्चे के रोग का निदान )

शैशवकाल में जब शिशु बोल भी नहीं सकता तोह उस समय पर शिशुओं को होने वाली पीडा का पता केसे लगा सकते है? आज कल तोह इस को देख कर आम तौर से पेट दर्द समझ कर इलाज किया जाता है, परंतु यही प्रशन एक बार वृद्ध जीवक ने भगवान कश्यप से किया था फिर […]

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Ras Shastra

Gandhak / गंधक : Sulphur – Up Ras Varg

नाम:- संस्कृत गंधक हिंदी गन्धक English Sulphur(S) काठिन्य :- 1.5- 2.5 द्रवणांक- 119℃ क्वथनांक -444.8℃ विशिष्ट गुरुत्व- 1.9-2.1 Atomic no-16 Atomic mass- 32 .066 पर्याय:- गंधक, गन्धपाषाण, बलि, बलिवासा, शुल्वारि,पामारि, नवनीत, कुष्ठअरि। गंधक भेद:- रसार्णवकार रसेन्द्रचूड़ामणि वर्तमान समय में १.रक्तवर्ण:उत्तम १.रक्तवर्ण:शुकतुण्डनिभम:धातुवादार्थ १.आंवलासार गन्धक :internal use : उत्तम २.पीतवर्ण: मध्यम २.पीतवर्ण:शुकपिच्छनीभ्म:रसायनार्थ २.खटिका गन्धक:external use:मध्यम ३.श्वेतवर्ण:अधम ३.श्वेतवर्ण:खटिकाकर:लौहमरणार्थ […]

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Yog ( Formulations )

Sudarshan Churna| सुदर्शन चूर्ण : Types, Ingredients, Uses, Dosage

जिस तरह सभी राक्षसों को नाश करने के लिए भगवान् विष्णु का सुदर्शन चक्र विख्यात है, उसी तरह यह सुदर्शन चूर्ण (Sudarshan Churna) सभी ज्वरों का नाश करता हैै। त्रिफला रजनीयुग्मं कण्टकारीयगं शटी। त्रिकटु ग्रन्थिकं मू्वा गुडूची धन्वयासकः ।।१२५॥ कटुका पर्पटो मुस्तं त्रायमाणा च बालकम् । निम्बः पुष्करमूलञ्च मधुयष्टी च वत्सकः ॥१२६॥ यवानीन्द्रयवो भार्गी शिग्रुबीजं […]

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Yog ( Formulations )

Trevrit Yog ( त्रैवृत योग ) – Medicine

द्वे पञ्चमूले भार्गी च मधुशिग्रुः शतावरी । उशीरं चन्दनं चैव श्वदंष्ट्रा मदयन्तिका ।।१३।।द्वे बले वसुकः पाठा पयस्या ह्यमृता तथा । वृषादनी सुगन्धा च तथा कार्या पुनर्नवा ।।१४।।मूर्वा गृध्रनखी मुस्ता मोरटस्तिल्वकस्तथा । इत्येतासां तु मूलानि यथालाभं समानयेत् ।। १५।।यवकोलकुलत्थानां त्रयः प्रस्थाः समास्ततः । एतान्यष्टगुणे तोये पाचयेद्धिषगुत्तमः ।।१६।।अष्टभागस्थितं तं तु परिपूतं निधापयेत् । तत्रावापमिदं दद्यान्मुष्टिकान्यौषधानि तु ।।१७।।पिप्पली […]