Categories
Astang Hridya Charak Samhita Yog ( Formulations )

Kumkumadi Tail | कुमकुमादि तैल : The Secret of Stunning Beauty

Kumkumadi Tail or Kumkumadi Oil is an amazing Ayurvedic concoction of herbs that acts as a magical remedy for uplifting skin health and treating various skin issues. It helps in preventing dark spots, wrinkles, greying of hair, Acne, pimples, dark circles, pigmentation of skin and many other skin problems. अश्विनीकुमार कुमकुमादि तैल: कुङ्कुमं चन्दनं द्राक्षा […]

Categories
Astang Hridya Bhaishajya kalpana Charak Samhita Syllabus Yog ( Formulations )

Anu tail | अणु तैल : How to use, Dosage, Benefits, Precautions

अणु तेल (Anu tail) शरीर में सूक्ष्म से सूक्ष्म स्त्रोतों में जाकर रोगों को नष्ट करता है। अणु तेल को नस्य (Nasya treatment) {Nasya refers to nasal instillation of drops of the oil} में और इंद्रियों को बल प्रदान करने के लिए श्रेष्ठ माना गया है। इसका सबसे बड़ा असर बाहरी संक्रमण को शरीर के […]

Categories
Bhaishajya kalpana Yog ( Formulations )

Samasharkara Churna | समशर्करा चूर्ण : Preparation, Dosage, Uses

Samasharkara Churna is an Ayurvedic formulation used in the treatment of Piles, Anorexia, Indigestion, Heart diseases, Respiratory disorders, Pyrexia, Diabetes mellitus etc. प्रथम समशर्करा चूर्ण: शुण्ठीकणामरिचनागदलत्वगेलं चूर्णीकृतं क्रमविवर्द्धितमूर्ध्वमन्त्यात् । खादेदिदं समसितं गुदजाग्निमान्द्य कासारुचिश्वसनकण्ठहृदामयेषु ॥३७॥ (भैषज्य रत्नावली) घटक द्रव्य / Ingredients:- शुण्ठी (Zingiber officinale) – 1 भाग पीपर (Ficus religiosa) – 2 भाग मरिच (Piper nigrum) […]

Categories
Gugulu Yog ( Formulations )

Shiva Guggulu | शिवा गुग्गुलु : Ingredients, Uses, Dosage

‘शिव’ का अर्थ ही परम अर्थात श्रेष्ठ होता है। अर्थात रोगों पर विजय प्राप्ति की यह श्रेष्ठ औषधि होने से इसे ‘शिव’ नाम दिया गया है। आ‍‍मवात, कटीशूल, गृध्रसी, क्रोष्टुशीर्ष आदि रोगों का नाश करने के लिए “शिवा गुग्गुलु (Shiva Guggulu)” से अच्छी कोई दूसरी औषधि नहीं है। शिवाबिभीतामलकीफलानां प्रत्येकशो मुष्टिचतुष्टयञ्च।तोयाढके तत्क्वथितम् विधाय। पादावशेषे त्तववतारणीयम्॥१९१॥ […]

Categories
Bhaishajya kalpana Yog ( Formulations )

Chitrak Haritaki | चित्रक हरीतकी : Uses, Dose, Preparation

Chitrak Haritaki is a very famous Ayurvedic medicine used in treating chronic respiratory conditions like Tuberculosis, Pneumonia, Common Cold, Cough, Bronchitis, Asthma etc. चित्रकस्यामलक्याश्च गुडूच्या दशमूलजम् । शतं शतं रसं दत्त्वा पथ्याचूर्णाढकं गुडात् ॥२५॥ शतं पचेद् घनीभूते पलद्वादशकं क्षिपेत् । व्योषत्रिजातयोः क्षारात् पलार्द्धमपरेऽहनि ॥२६॥ प्रस्थार्द्धं मधुनो दत्त्वा यथाग्न्यद्यादतन्द्रितः । वृद्धयेऽग्ने क्षयं कासं पीनसं दुस्तरं कृमीन् […]

Categories
Bhaishajya kalpana Ras Shastra Yog ( Formulations )

Suchikabharan Ras | सूचिकाभरण रस : Ayurvedic Injection

जब सत्रिपात का रोगी बेहोश हो, नाड़ी क्षीण हो, रुक-रुक कर नाड़ी चलती हो, देह ठण्डा हो, पसीना आता हो, हाथ-पैर शिथिल एवं ठण्डे हो, श्वास क्षीण हो, हृदय की गति निर्बल हो, मृतसञ्जीवनी सुरा, बृहद कस्तूरी भैरव आदि औषधों का कोई भी प्रभाव नहीं हो अर्थात् अन्तिम दशा है ऐसा समझकर इस सूचिकाभरण रस […]

Categories
Ras Shastra Yog ( Formulations )

Mahalakshmivilas Ras | महालक्ष्मीविलास रस : Types, Benefits, Uses

Mahalakshmivilas Ras (महालक्ष्मीविलास रस) is an Ayurvedic remedy which is an excellent Rasayana. It is the best cure for phlegm and respiratory disorders. प्रथम महालक्ष्मीविलास रस:- यह सभी शिरोरोगों का नाश करता है। लौहमभ्रं विषं मुस्तं फलत्रयकटुत्रयम् । धुस्तूरं वृद्धदारञ्च बीजमिन्द्राशनस्य च ॥५७॥ गोक्षुरकद्वयञ्चैव पिप्पलीमूलमेव च । एतत्सर्वं समं ग्राह्यं रसे धुस्तूरकस्य च ॥५८॥ भावयित्वा […]

Categories
Ras Shastra Syllabus Yog ( Formulations )

Lakshmivilas Ras | लक्ष्मीविलास रस : Types, Uses, Benefits

लक्ष्मीविलास रस (Lakshmivilas Ras) सभी योगों के राजा के रूप में प्रसिद्ध है। इसके सेवन से क्षय, त्रिदोषोत्पन्न पाण्डुु (Anemia) , कामला (Jaundice) , सभी प्रकार के वातविकार, शोथ (Oedema), प्रतिश्याय (Common Cold), शुक्रक्षय, अर्श (Piles), शूल, कुष्ठ, अग्निमान्द्य, सन्निपात ज्वर, श्वास एवं कास जैसे रोगों को नष्ट कर देता है। इससे शरीर में तरुणाई […]

Categories
Bhaishajya kalpana Yog ( Formulations )

Gangadhar Churna | गङ्गाधर चूर्ण : Types, Benefits, Uses

यह गङ्गाधर चूर्ण (Gangadhar Churna) नदी के वेग की तरह प्रवृद्ध अतिसार को शान्त करता है। इसके सेवन से सभी प्रकार के अतिसार, सभी प्रकार के शूल, संग्रहणी, सूतिका रोग आदि शान्त होते हैं। Laghu Gangadhar Churna/ लघु गङ्गाधर चूर्ण:- मुस्तसैन्धवशुण्ठीभिर्धातकीलोध्रवत्सकैः । बिल्वमोचरसाभ्याञ्च पाठेन्द्रयवबालकैः ॥४ ३॥ आम्रबीजमतिविषा लज्जा चेति सुचूर्णितम् । क्षौद्रतण्डुलतोयाभ्यां जयेत्पीत्वा प्रवाहिकाम् ॥४४॥ […]

Categories
Ras Shastra Syllabus Yog ( Formulations )

Yogendra Ras | योगेन्द्र रस : Ingredients, Benefits, Uses

योगेन्द्र रस (Yogendra Ras) आयुर्वेदिक औषधियों में एक उत्कृष्ट और वीर्यवान वातशामक औषध है। यह विशेषतः ह्रदय, मस्तिष्क, वातवहानाड़ियाँ, मन और रक्त पर अपना प्रभाव दर्शाता है। इसके सेवन से वातवहानाड़ियाँ सबल होती है; अतः जीर्ण (पुराना) वातविकार के साथ पित्त प्रकोपजन्य दाह (जलन), व्याकुलता, निद्रानाश, मुखपाक (मुंह में छाले), अपचन आदि लक्षण हो, तब विशेष लाभदायक है। जीर्ण वातविकार, अपस्मार और उन्माद आदि रोगों […]