AFTER READING MOD GARBH, READ POLYCYSTIC OVARIAN SYNDROME. मूढ़ के पर्याय :- मोहित, व्याकुल, भ्रान्त, विचलित, जड़ी भूत आदि। • गर्भ जब अपनी स्वाभाविक स्थिति, स्वाभाविक गति व स्वाभाविक अवस्था को त्यागकर सर्वथा विपरीत भावों को ग्रहण कर उद्विग्न व्याकुल का जड़ीभूत हो जाता है। • उसका स्वाभाविक प्रसव संशयात्मक हो जाता है व जटिल […]
Month: March 2020
AFTER READING NADI VIGYAN, READ NADI PARIKSHA. पर्याय :- हिंस्त्रा स्रायुर्वसा नाडी धमनी धामनी धरा। तन्तुकी जीवितज्ञा च शिरा पर्यायवाचकाः॥ स्नायु, हिंस्त्रा, धमनी, धारिणी, धरा, तंतुकी, जीवनज्ञाना, नाङी। नाड़ी के भेद :- तत्र कायनाडी त्रिविधा। एका युवा, अन्या मूत्र विड- स्थिर स वाहिनी, अपरा आहार वाहिनी इति ॥ नाड़ी 3 प्रकार की होती है :- […]
विमल (Vimal) के नाम :- हिंदी विमल संस्कृत विमल English Iron pyrite Chemical Formula= Fe2 S3 काठिन्य (Hardness)= 6 – 6.5 विशिष्ट गुरुत्व= 5 – 5.2 प्राप्ति स्थान (Habitat):- आसाम, मद्रास, उड़ीसा, बंगाल, झारखण्ड तथा तापी नदी के समीप के पर्वतों से प्राप्त होता है। Types :- हेम विमल पीतवर्ण का हेमक्रिया हेतु श्रेष्ठतम रौप्य […]
नाम:- संस्कृत माक्षिक (स्वर्णमाक्षिकम्, रजतमक्षिकम्) हिंदी माक्षिक(सोनामाखी, रूपमाखी) English Pyrite(copper pyrite and iron pyrite) पर्याय:- सुवर्णमाक्षिक:- सुवर्णमाक्षिक,स्वर्णमाक्षिक,हेममाक्षिक,ताप्य, तापीज। रजतमाक्षिक:- रौप्यमाक्षिक,तारज,तारमाक्षिक, विमल,श्वेतमक्षिक। Habitat (प्राप्ति स्थान) – ताप्ती नदी,चीन,किरातदेश, भारत में झारखण्ड। types:- 2 1.स्वर्णमाक्षिक-(cu2S,fe2S3) copper pyrite or chelcopyrite 2.रौप्यमाक्षिक(fe2S3) iron pyrite On the basis of वर्ण — पीत वर्ण -(yellowish)- सुवर्णमाक्षिक शुक्लवर्ण- (whitish)रौप्यमाक्षिक रक्तवर्ण- (greyish)-कांस्यमाक्षिक According […]
AFTER READING SHAT CHAKRA WITH TRICK, READ NADI VIGYAN. षट्चक्रं षोडशाधारं त्रिलक्षं व्योमपञ्चकम्।स्वदेहे यो न जानाति कथं वैद्यः स उच्यते ॥ एतानि षटू च चक्राणि यो जानाति स वैद्यराट् / वैद्यभाक् ॥ जो वैद्य अपनी देह में स्थित छ: चक्रों, 16 आधार, 3 लक्षण व्योम पंच को नहीं जानता वह वैद्य किस प्रकार का ?? […]
A Vaidya is never considered a Vaidya if he doesn’t know nadi pariksa. And knowledge of nadi isn’t available easily any where but vaidyanamah provides you with complete knowledge
AFTER READING 20 TYPES OF COUGH, READ PRAMEH. पूर्वकासक्षयः कासो रक्तकासश्च चिप्पिका।वातकासः पैत्तकासः क्षतकासश्च शुक्तिका॥आमकासः पाण्डुकास: कृष्णकासस्तथैव च। श्लेष्मकासो दधिकासः कासश्च श्लेष्मजिह्वकः॥ कण्ठजिह्वोपजिह्वौ च हन्ति जिह्वककासकः। ऊर्ध्वकासः श्लेष्मभङ्गः श्लेष्मकुष्ठश्च संज्ञितः।इत्येते विंशतिः कासा: वक्ष्यामि विधिवत्क्रमात्॥ (माधव निदान) कास भेद लक्षण चिकित्सा पूर्व कास जन्म प्रभृति वीर्या, सतत कास पीडन, सुबह और अन्नरॉज्ञा होने पर कास होना […]