Normal development is a complex process . However, it is easy to under stand and assess development under the following five domain; i. Gross motor development ii. Fine motor skill development iii. Personal and social development and general understanding iv. Language v. Vision and hearing Gross Motor Development Motor development progresses to ultimate attainment of […]
Month: April 2020
Padmaasan: उत्तानों चरों कृत्वा ऊरुसंस्थौ प्रयत्नतः। ऊरुमध्ये तथोत्तानो पाणी कृत्वा ततो दृशौ।। नासाग्रे विन्यसेद् राजदन्तमूले तु जिह्वया। उत्तम्भ्य चिबुकं वक्षस्युत्याप्य पवनं शनैः।। इदं पद्मासनं प्रोक्तं…I (ह. यो. प्र. 1/45-46) पद्म (पद्म) शब्द कमल का पर्यायवाची है। पैरों तथा हाथों की आकृति कमल की पंखुड़ियों जैसी बनने से इसे पद्मासन कहते हैं । *स्थिति-दण्डासन विधि 1. […]
नाम:- संस्कृत मृद्दारश्रृंगम् हिन्दी मुर्दाशंख English Litharge chemical name lead oxide chemical formula PbO पर्याय:- मृद्दारश्रृंगक, बोदारश्रृंग, मुर्दाशंख, मुद्राशंखक। इतिहासः- आठवीं शताब्दी के बाद के रसग्रन्थों में उसका उल्लेख मिलता है। प्राप्ति स्थान- राजस्थान में आबू पर्वतमाला, गुजरात, मध्यप्रदेश, झारखण्ड (बिहार) एवं विदेशों में वर्मा आदि देशों में मिलता है। परिचय:- combination of lead and […]
नाम:- संस्कृत हिंड्ंंगुल हिन्दी सिंगरफ English Cinnabar chemical name Red sulphidenof mercury chemical formula HgS पर्याय :- रक्त, म्लेच्छ, चित्राङ्ग, रञ्जन, हंसपाद, दरद। इतिहास:- कौटिल्य अर्थशास्त्र में हिंगुल का सर्वप्रथम उल्लेख मिलता है। परिचय:- Cinnabar स्वाभाविक और कृत्रिम दोनों रूपों में उपलब्ध होता है। प्राप्ति स्थान- स्पेन, इटली, फ्रांस, जर्मनी, चीन, जापान, रूस, अमेरिका तथा […]
नाम: – संस्कृत गिरिसिन्दूर हिन्दी गिरिसिन्दूर Chemical name Red oxide of mercury पर्याय:- सिन्दूर, गिरिसिन्दूर, महिलाभालभूषण, गणेशभूषण, माङ्गल्य, भालसौभाग्य, रक्तरेणु, नागगर्भ, नागज। इतिहास:- 8वीं शताब्दी के बाद के रसग्रन्थों में इसका उल्लेख मिलता है। प्राप्ति स्थान:- पर्वत से। परिचय:- बड़े बड़े पर्वतों के अंदर जो पारद शुष्क और रक्तवर्ण पदार्थ के स्वरूप में मिलता है, […]
परिभाषा:- पारद में गन्धक के संयोग से अथवा गंध के बिना ही निश्चित रूप से व्याधिनाश की शक्ति उत्पन्न करने की प्रक्रिया को मूर्च्छना कहते है। ◆पारद में निश्चित रूप से व्याधिनाशक शक्ति का आधान करने को ही मूर्च्छना कहते है। Types of murchna:- 2 प्रकार से – १.सगन्ध मूर्च्छना २.निर्गन्ध मूर्च्छना ★सगन्ध मूर्च्छना 3 […]
आयुर्वेद में बालको की बहुत सारी व्याधि का कारण देविक माना गया है, वह व्याधि जो शिशु को ग्रहण करती है उसे बाल ग्रह कहा जाता है। इन रोगों में दैवव्यप्राश्रय या युक्तिव्यपाश्रय कर्म करने का कहा गया है। ग्रह :- गुप्त वस्तु तथा भविष्य का ज्ञान जिसमें हो एवम् जिसके रोग शरीर व मन […]
नाम:- हिन्दी अम्बर संस्कृत अग्निजार English Ambergis पर्याय:- अग्निगर्भ, अग्निनिर्यास, अग्निज, वह्निजार, सिन्धुफला। परिचयः– अग्निजार स्पर्म वेल मछली की आंतों में स्रवित होने वाला मोम सदृश द्रव्य है। ●ताजा अम्बर दुर्गन्ध युक्त होता है, लेकिन सूखने पर सुगन्ध युक्त हो जाता है। ●यह अग्नि नामक मछली समुद्र में उद्भूत एक घास विशेष को खा जाती […]
नाम:- हिन्दी कौड़ी संस्कृत कपर्द English cowries or marine shell पर्याय :- वराटक, वराट, वराटिका, वराटी,कपर्द, कपर्दी, चराचर , चर ,। परिचयः– वराटिका ‘मोलस्का’ (Moluska) जाति के समुद्री प्राणी का बाहरी एवं पृष्ठ भाग (कवच) है। ●इस कवच के अन्दर मोलस्का वर्ग का प्राणी पलता है। यह समुद्रों एवं बड़े जलाशयों में प्राप्त होता है। […]
नाम:- संस्कृत नवसदरः हिन्दी नौसादर English ammonium salt Chemical name:- Ammonium chloride (NH4 Cl) पर्याय:- नवसार, नवसादर, नृसार, चुल्लिका लवण,नरसादर, चूलिका लवण। परिचयः– ◆करीर और पीलू वृक्षों के काष्ठों को जलाने पर जो क्षार पाल होता है। अथवा ईंटों को जलाने पर जो पीला सा सफेद और हल्का लवण प्राप्त होता है। उसको नौसादर तथा […]