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Ras Shastra

Jarana Sanskar ( जारणा संस्कार ) – Ras Shastra

परिभाषा— पारद में गालन, पातन आदि प्रक्रियाओं के बिना ही बालुका यन्त्र, जारणा यन्त्र आदि यंत्रों के द्वारा गन्धक, अभ्रक, माक्षिक, स्वर्ण, रत्न, आदि द्रव्यों का जारण करने के पश्चात भी पारद के भार या स्वरूप में कोई परिवर्तन नहीं हो, उसे जारणा (Jarana) कहते हैं। Types:- जारणा ⬇ 1)भूचरी 2) खेचरी (रत्नों का जारण) […]

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Dravya Guna Tricks

Trick to Learn Ras Panchak of Non – Detailed Plants

Their are total 148 non detailed plants in B.A.M.S. syllabus but it’s hard to remember them with our trick you can easily learn them.

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Swasthavrit

Dincharya ( दिन चर्या ) : स्वस्थ जीवन के लिए एक आयुर्वेदिक तरीका

दिन का अर्थ है प्रतिदिन और चर्या का अर्थ है आचरण।यहाँ चरण का उल्लेख करते समय यह भी कहा गया है कि आचाराल्लभते आयुः । अर्थात आचार से आयु प्राप्त होती है। निरुक्ती :- प्रतिदिन कर्तव्या चर्या दिनचर्या। प्रतिदिन करने योग्य चर्या दिनचर्या कहलाती है।आचार शब्द से आहार व विहार दोनों का ग्रहण होता है […]

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Dravya Guna Plants

Tulsi – Ocimum sanctum Comparitive Review

Botanical name- Ocimum Sanctum Family- Lamiaceae English name- Holy basil हिन्दी – तुलसी, वृंदा तेलेगु – गग्गेर चेट्टू तमिल – तुलशी अरबी – दोहश Understanding Tulsi Types in Nighantus :- Comparitive Review Name :- Name Madanpal Dhanvantri Raj Kaidev Chandu Bhav Prakash तुलसी * * * * * सुरसा * * * * * गौरी […]

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Author Special Practice

Coronavirus (COVID-19) : Ayurvedic Analysis and Prevention

Amid all the gloom spread across the world, due to the outbreak of novel Coronavirus (COVID-19), which has now infected more than 8 lacs and killed nearly 43 thousand individuals around the world. And is expected to kill around 15-16 Lacs in the coming future. Today, COVID-19 has hit the world, maybe some other day […]

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Ras Shastra

Kankushth ( कंकुष्ठ ) Ruhbarb : Upras Varg

नाम:- संस्कृत कड्कुष्ठम् हिंदी कंकुष्ठ english Gambose tree (ruhbarb) latin Garcinia morella पर्याय:- तालकुष्ठ, रेचक, हेमवती, काककंकुष्ठ। Habitat:- Singapore, Malaysia, Indonesia. Types:- 2 प्रकार:- (1) नलिका कंकुष्ठ (2) रेणुक कंकुष्ठ (1) नलिका कंकुष्ठः– पीतवर्ण, चमकदार, स्निग्ध, भारी श्रेष्ठ होता है। (2) रेणुक कंकुष्ठः– यह श्यामपीतवर्ण, लघु, नि:सत्व एवं अनुपयोगी होता है। कंकुष्ठ शोधनः- कंकुष्ठ में […]

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Swasthavrit

ऋतु सन्धि (Ritu sandhi), ऋतु हरितकी व ऋतु विपर्यय

परिभाषा: ऋत्वोरन्त्यादिसप्ताहावृतुसन्धिरिति स्मृतः। (अ.ह. सू. 4/15)दो ऋतु के जोड़ को ऋतु संधि कहते है। वर्तमान ऋतु का अन्तिम सप्ताह और आने वाली ऋतु का प्रथम सप्ताह अर्थात यह चौदह दिन (14 दिन) का समय ऋतु संधि है। ऋतु सन्धि चर्या :तत्रपूर्वो विधिस्त्याज्यः सेवनीयोऽपरः क्रमात्। असात्म्यजा हि रोगाः स्युः सहसा त्यागशीलनात्।। (अ.इ.सू. 4/6)ऋतु सन्धि में वर्तमान […]

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Dravya Guna Plants

Guduchi – Tinospora cordifolia Comparitive Review

Botanical name- Tinospora cordifolia Family- Menispermaceae हिंदी – गिलोय, गुरूच, गुडुची उड़िया – गुलंचा कन्नड़ – अमृतवल्ली, युगानी वल्ली गुजराती – गुलवेल तमिल – अमृदवल्ली Comparitive Review Name :- Name Madanpal  Dhanvantri  Raj Nighantu Kaidev Bhav Prakash गुडूची * * * * * कुण्डली * * * * * छिन्ना * * * * * […]

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Dravya Guna Plants

Ashvagandha / अश्वगंधा : Comparative Review

Botanical name- Withania somnifera Family– Solanaceae English name- Winter cherry संस्कृत – वराहकर्णी, वरदा, बलदा, कुष्ठगंधिनी हिंदी – असगंध, पुनीर, नागोरी असगंध तमिल – चुवदिग, अमुक्किरा, अमकुलंग तेलुगू – आंड्रा कन्नड़ – अमन गुरा Classical Mentions :- चरक संहिता – बल्य, बृहंण, मधुर स्कंदभाव प्रकाश निघंटु – गुडूचयादि वर्गमदनपाल निघंटु – अभयादि वर्गधनवंत्रि निघंटु – […]

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Yog ( Formulations )

Brihat Pipalayadi Tail (बृहत्पिप्पल्यादि तैल) : Medicine

पिप्पली मुस्तकं धान्यं सैन्धवं त्रिफला वचा। यवानी चाजमोदा च चन्दनं पुष्कराह्वयम्॥ शटी द्राक्षा गवाक्षी च शालिपर्णी त्रिकण्टकम्। भूनिम्बारिष्टपत्राणि महानिम्बं निदिग्धिका। गुडूची पृश्निपणी च वृहती दन्तिचित्रकौ। दावीं हरिद्रा वृक्षाम्लं पर्पटं गजपिप्पली॥ एतेषां कार्षिकैः कल्कैः तैलप्रस्थं विपाचयेत्। दधिकाञ्जिकतक्रैश्च मातुलुङ्गरसैस्तथा। स्नेहमात्रासमैरेभिश्शनैर्मद्वाग्निना पचेत्। सिद्धमेतत्प्रयोक्तव्यं जीर्णचरमपोहति॥ एकजं द्वन्द्वजं चैव दोषत्रयसमुद्भवम्। सन्ततं सततान्येधुस्तुतीयकचतुर्थकान्। मासजं पक्षजं चैव चिरकालानुबन्धिनम्। सर्वांस्तान्नाशयत्याशु पिप्पल्याद्यमिदं महत्॥ ( […]