नाम :- संस्कृत वर्तलौहम् हिन्दी भरित English Bronze पर्याय :- पञ्चलौह वर्त भर्त पञ्चरस वर्तुल History :- इसका वर्णन 13 वीं शताब्दी से मिलता है। चिकित्सा में विशेष महत्व नहीं है। परिचय :- श्वेतवर्ण का धातु है। शोधन :- तैल तक्रादि से शोधित वर्तलौह (Vartloha) को तपा कर अजामूत्र (बकरी) में बुझाने से शुद्ध हो […]
Month: May 2020
अश्मरी (Ashmari) को आम तौर पर सामान्य भाषा में पथरी का नाम से विख्यात है, आधुनिक इसे Stone कहते हैं। इस रोग में अत्यन्त पीड़ा होने के कारण आचार्य मध्वकर ने अश्मरी की तुलना यमराज से की है और कहा है कि दोनों एक दूसरे के समान कष्टदायक होते हैं। यह भी कहा गया है, […]
Introduction Diarrhoea is too frequent, often too precipitate passage of poorly formed stools. It is defined by WHO as 3 or more loose or watery stools in a 24 hour period. It occurs due to passage of excess water in faeces. This may be due to: Decreased electrolyte and water absorption. Increased secretion by intestinal […]
षट क्रियाकाल (Shat Kriyakal) का सुंदर विवरण आयुर्वेद ग्रंथ में निम्नानुसार बताया गया है। जान लेते हैं कि क्रियाकाल शब्द बना कैसे है:- ‘क्रिया काल’ का शाब्दिक अर्थ है – क्रिया करने की अवस्था।षट अर्थात छःषट क्रियाकाल (Shat Kriyakal) का मिलित अर्थ हुआ = चिकित्सार्थ छह अवसर।आचार्य सुश्रुत ने दोषों की प्रकोपवस्था के अनुसार उन्होंने […]
नाम :- संस्कृत कांस्य हिन्दी कांसा English White copper Latin Bronze पर्याय :- कांस्य घोष कंसक सौराष्ट्रज कंसीय वह्निलौह घोषपुष्प ताम्रत्रपुज History :- Charak Samhita = बर्तन, घण्टी, मुर्तियाँ आदि के निर्माण में कांस्य (Kaansya) का वर्णन मिलता है। Sushrut Samhita Kaal = अनेक स्थानों पर इसके पात्रों का वर्णन मिलता है। परिचय :- 8 […]
Emesis Vomiting occurs due to stimulation of the emetic (vomiting) centre situated in the medulla oblongata. Antiemetic Antiemetic drugs are types of chemicals that help to cure symptoms of nausea or vomiting. This may also be used to treat nausea and vomiting caused by other medications, frequent motion sickness, infection, or stomach flu. Work These […]
1. वमन ◾सम्यग योग लक्षण – क्रमात कफः पित्तमथानिलश्च यस्यैति सम्यक् वमितः स इष्टः। हत्पा्श्वमर्धेन्द्रियमार्गशुद्धौ तथा लघुत्वेऽपि च लक्ष्यमाणे॥ (च. सि. 1/15) निर्विबंध प्रवर्तन्ते कफपित्तानिला क्रमात्। सम्यग् योगे। (अ.ह.सू. 18/25) पित्ते कफस्यानुसुखं प्रवृत्ते शुद्धेषु हत्कंठ शिरः सु चापि। लघौ च देहे कफसंस्रवे च स्थिते सुवान्तं पुरुषं व्यवस्येत्।। (सु. चि. 33/9) सम्यक् वमन में क्रम से […]
Definition An “Anaesthetic” is a drug used to induce temporary loss of sensation or awareness. They may be divided into two broad classes :- General Anaesthetics= which result in a reversible loss of consciousness. Local Anaesthetics= which cause a reversible loss of sensation for a limited region of the body without necessarily affecting consciousness. Anaesthetics […]
Introduction of General Anaesthesia General Anaesthetics (GAs) are drugs which produce reversible loss of all sensation and consciousness. Cardinal Features Loss of all sensation,especially pain Sleep (unconsciousness) Immobility and muscle relaxation Abolition of somatic and autonomic reflexes In the modern practice combination of inhaled and i.v. drugs is used. Mode of Administration Drugs given to […]
DENTITION AND DENTAL CARE
HUMAN DENTITION :- The arrangement or condition of the teeth in a particular species or individual is called Dentition.Human beings have two sets of teeth:-• A Deciduous set• A Permanent set TYPES :- The teeth are divided into four groupsaccording to their form: Incisor group Canine group Premolar group Molar group FUNCTION :- INCISORS= wide, […]