पारदामृतलवङ्ग गन्धर्व भागयुग्ममरिचेन मिश्रितम्। जातिकाफलमथार्द्धभागिकं तिन्तिडीफलरसेन मर्दितम्।। मायमात्रमनुपानयोगतः सद्य एव जठराग्निदीपनः। सङ्ग्रह ग्रहण कुम्भकर्ण सामवातखरदूषणं जयेत् । वह्निमान्द्यदशवक्त्रनाशनो रामबाण इति विश्रुतो रसः।। (‘भै. र. अग्निमांद्य 10/90-92) घटक द्रव्य :- शुद्ध पारद – 1 भाग शद्ध वत्सनाभ -1 भाग शुद्ध गन्धक – 1 भाग जायफल – ½ भाग लवङ्ग – 1 भाग मरिच – 2 भाग […]
Month: June 2020
रसभस्म त्रयो भागा भागकं हेमभस्मकम्। मित्रस्य भाग शिला गन्धक तालकम्।।प्रतिभागद्वयं शुद्धमेकीकृत्य विचूर्णयेत्। वराटिका तेन पिया चाजाक्षीरेण टंकणम्।। पिष्ट्वा तेन मुखं रुद्ध्वा मृद्भाण्डे तां निरोधयेत्।शुष्कं गजपुटे पाच्यं चूर्णयेत् स्वांग शीतलम्।। दशपिप्पलिकैः क्षौद्र्मरिचैर्वा घृतान्वितैः।गुञ्जा चतुष्ट्यशास्य क्षयरोग प्रशान्तये।। (र. सा. सं. यक्ष्मा चि. 2/3-6) घटक द्रव्य :- पारद भस्म – 3 भाग रजत भस्म – 1 भाग शुद्ध […]
Name :- संस्कृत चन्द्रकान्तः हिन्दी चन्द्रकान्त English Moon stone Hardenss= 6 Relative Density= 2.57 Chemical Formula= KAlSi3 O8 / NaAlSi2O8 पर्याय :- इंदुकान्त चन्द्रकान्त चन्द्रजोपल शीतात्मा शशिकान्त चन्द्रमणि चन्द्रोपल चन्द्रिकाद्रव चन्द्राशम परिचय :- नीलाभ श्वेत दूध जैसे वर्ण का रत्न पाषाण है। चन्द्रमा के प्रकाश में चन्द्रकान्त (Chandrakant) सुंदर, शीतल दिखाई देता है। पारदर्शक, स्निग्ध, […]
Name :- संस्कृत सूर्यकान्तः हिन्दी सूर्यकान्त English Sun stone Hardness= 5.5 – 6 Relative Density= 2.65 Chemical Formula= Na2O3 Al2O3, 6SiO2 + CaO, Al2O3, 2SiO2 पर्याय :- सूर्यकान्त सूर्यमणि सूर्योपल ज्वलनोपल रविकान्त तपन तपनमणि वसु अर्कोपल अग्निगर्भ परिचय :- चरक संहिता में (च.चि.9/13 ) उल्लेख मिलता है। यह श्वेतवर्ण का हल्का रक्तवर्ण लिए हुआ पाषाण […]
उपरत्न वर्ग के पाषाणों में – रत्न की अपेक्षा काठिन्य, चमक और पारदर्शकता कम होती है। इसलिए इन्हें उपरत्न (Upratn) कहा जाता है। मूल्य भी कम होता है। संख्या :- आनन्दकन्दकार 9 उपरत्न माने आयुर्वेदप्रकाश 15 बृहद् योगतरंगिणीकार 4 रसतरंगिणीकार 6 प्रचलित परम्परा अनुसार रसतरंगिणीकार का मत अधिक प्रचलित है- वैक्रान्त सूर्यकान्त चन्द्रकान्त राजावर्त पैरोजक […]
नस्य (Nasya) शब्द निष्पत्ति :- भावप्रकाश ने नासा मार्ग से औषध ग्रहण करने को नस्य (Nasya) कहा है। अरुण दत्त के द्वारा कहा गया है कि नासिका से नस्य दिया जाता है। ‘नस्य’ शब्द का अर्थ है – जो नासा (नाक) के लिए हितकारी है। उर्ध्वजत्रुविकारेषु विशेषान्नस्यमिष्यते। नासा ही शिरसो द्वारं तेन तद्व्याप्य हन्ति तान्। […]
Name :- संस्कृत वैदूर्यम् हिन्दी लहसुनियाँ English Beryllium aluminate Hardness= 8.50 Relative Density= 3.5 – 3.8 Chemical Formula= BeO Al2 O3 पर्याय :- वैदूर्य केतुरत्न वायज विदूरज विदूररत्न विडालाक्ष विडालाख्य परिचय :- बिल्ली की आँखों की तरह चमकदार, पीत हरित वर्ण, मध्य में शुभ्र वर्ण, रेखायुक्त होता है। इसलिए इसे Cat’s eye कहते है। केतु […]
Before starting about how to get admission in B.A.M.S. one should know what exactly B.A.M.S. is! So in this post we will first start this post with the same. This post will cover complete Admission Process as well as will guide you through the process. To play a game you need to know it’s rule […]
सिन्दूरं मौक्तिकं हेम व्योमायो हेममाक्षिकम्।कन्यारसेन सम्म कुर्यान्मुद्गमिता वटीः।।वटिकां वटिकाद्ध वा वयोऽवस्थां विविच्य च।। (भै. र. बालरोग 71/119-120) घटक द्रव्य :- रससिन्दूर – 1 भाग स्वर्ण भस्म – 1 भाग लौह भस्म – 1 भाग मुक्ता भस्म – 1 भाग अभ्रक भस्म -1 भाग स्वर्णमाक्षिक भस्म – 1 भाग भावना द्रव्य– घृतकुमारी स्वरस – यथावश्यक Trick […]
हिंगुल विषं टंकं जातीकोषफले तथा।मिरिचं पिप्पली चैव कस्तूरी च समांशिका।।रक्तिद्वयं ततः खादेत् सन्निपाते सुदारुणे॥ (र. सा. सं. ज्वराधिकार-177) घटक द्रव्य :- शुद्ध हिंगुल – 1 भाग शुद्ध टंकण – 1 भाग जायफल – 1 भाग पिप्पली – 1 भाग शुद्ध वत्सनाभ – 1 भाग जावित्री – 1 भाग मरिच – 1 भाग कस्तूरी – 1 […]